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    लगातार बारिश से मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर बढ़ा, दोनों हाइडल से शुरू हुआ बिजली उत्पादन

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 17 Sep 2022 03:30 PM (IST)

    तेनुघाट डैम से पानी छोड़े जाने व पिछले चार दिन से हो रही बारिश के कारण डीवीसी के पंचेत व मैथन डैम का जलस्तर बढ़ गया है। दोनों डैम में लबालब पानी भर गया है। मैथन व पंचेत के दोनों हाइडल स्टेशन से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है।

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    मैथन डैम से 6000 एकड़ फीट प्रति घंटा पानी छोड़ा जा रहा है।

    संवाद सहयोगी, पंचेत (धनबाद): तेनुघाट डैम से पानी छोड़े जाने व पिछले चार दिन से हो रही बारिश के कारण डीवीसी के पंचेत व मैथन डैम का जलस्तर बढ़ गया है। दोनों डैम में लबालब पानी भर गया है। मैथन व पंचेत के दोनों हाइडल स्टेशन से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। इसके बाद डीवीसी व केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी राहत की सांस ले रहे हैं।

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    दामोदार वैली रिजर्वायर रेगुलेटरी कमीशन (डीबीआरआरसी) के अनुसार पंचेत डैम से 35 हजार एकड़ फीट व मैथन से छह हजार एकड़ फीट प्रति घंटा पानी छोड़ा जा रहा है। पंचेत डैम में 48 हजार एकड़ फीट प्रति घंटा पानी आ रहा है। फिलहाल पंचेत डैम का उच्चतम जलस्तर 425 फीट है। इस डैम में 418 एकड़ फीट पानी बना हुआ है, जो खतरे के निशान से मात्र सात फीट कम है। वहीं मैथन डैम के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। गुरुवार की दोपहर तक मैथन डैम का जलस्तर 484 फीट पहुंच गया है, जबकि उच्चतम 495 है। 6000 एकड़ फीट प्रति घंटा पानी छोड़ा जा रहा है।

    मालूम हो कि कम बारिश होने के कारण मैथन एवं पंचेत डैम के जलस्तर में काफी गिरावट आ गई थी। इससे अधिकारी काफी चिंतित थे। यहां तक कि मैथन हाइडल स्टेशन से बिजली उत्पादन पिछले एक माह से बंद था। पिछले चार दिन से हो रही बारिश के कारण पुनः बिजली उत्पादन शुरू हो गया। इससे डीवीसी को लाखों का मुनाफा हो सकता है। मैथन व पंचेत डैम के बढ़ते जल स्तर पर केंद्रीय जल आयोग व डीवीसी के जल नियंत्रण कार्यालय की नजर बनी हुई है। हर घंटे दोनों ही डैम की रिपोर्टिंग की जा रही है। यदि इसी तरह पानी होता रहा तो जल्द ही मैथन व पंचेत डैम के गेट खोले जा सकते हैं।

    पंचेत का इकाई एक हाइडल ब्रेक डाउन, दूसरे से चलाया जा रहा काम

    1962 में बना पंचेत हाइडल के इकाई एक की 40 मेगावाट की मशीन गुरुवार को अचानक ब्रेक डाउन हो गई। इसके कारण इकाई 2 की 40 मेगावाट की मशीन फुल लोड में चल रही है, जबकि बुधवार को इकाई एक से 160 मेगावाट प्रति घंटा एवं दो से 960 मेगावाट प्रति घंटा उत्पादन हुआ है। अब तक सितंबर माह में 19.50 मिलियन यूनिट उत्पादन किया। चालू वित्तीय वर्ष में 65.50 मेगावाट उत्पादन कर लिया है। फिलहाल वित्तीय वर्ष के छह माह में यह प्रदर्शन पिछले वर्ष के अनुपात में कम है। पिछले वर्ष रिकार्ड 250 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ था। फिलहाल इकाई एक के जीर्णोद्धार का काम भेल को मिला है।