पालने में नजर आने लगे पूत के पांव: घटते जलस्तर के कारण मैथन डैम के इंटेकवेल तक भी मुश्किल से पहुंच रहा पानी
मानसून की दगाबाजी के कारण मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर लगातार घट रहा है। अब तो स्थिति यह हो गई है कि धनबाद और आसपास के इलाके में मैथन से पानी पहुंचाने के लिए मैथन डैम में लगे इंटेक वेल के पास भी पानी सूखने लगा है।

जेएनएन, मैथन (धनबाद): मानसून की दगाबाजी के कारण मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर लगातार घट रहा है। अब तो स्थिति यह हो गई है कि धनबाद और आसपास के इलाके में मैथन से पानी पहुंचाने के लिए मैथन डैम में लगे इंटेक वेल के पास भी पानी सूखने लगा है। इंटेक वेल को भी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। कुछ और दिन तक भरपूर मात्रा में बारिश नहीं हुई तो धनबाद और आसपास के लोगों को पानी मिलना बंद हो जाएगा। लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा।
मैथन डैम का जलस्तर वर्तमान में 455 फीट बना हुआ है। यदि कुछ दिन तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो इंटक वेल के पास ट्रेंच कटिंग कर पानी पहुंचाने के लिए रास्ता बनाना पड़ सकता है।इसमें भी डीवीसी प्रबंधन को कितनी सफलता मिलेगी यह कहना मुश्किल है। इधर संभावित खतरे को देखते हुए डीवीसी प्रबंधन ने केंद्रीय जल आयोग के निर्देश पर सोमवार से बंगाल को सामान्य कार्य के लिए छोड़े जा रहे एक हजार एकड़ फीट पानी देना पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है। हालांकि, बंगाल में पीने व अन्य दैनिक कार्यों के लिए पानी की समस्या के कारण हाहाकार नहीं मच जाए इसके लिए डीवीसी प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। मैथन डैम की जगह अब पंचेत डैम से बंगाल को सिर्फ पीने के लिए पानी दिया जा रहा है।
पंचेत डैम के जलस्तर में भी लगातार गिरावट आ रही है। डैम के अधिकांश भाग सूख गए हैं। डैम में कम पानी होने के कारण कुछ दिन पहले ही यहां से सिंचाई के लिए बंगाल को पानी देना बंद कर दिया गया था। इधर सोमवार से पंचेत डैम से डेढ़ हजार एकड़ फीट पानी बंगाल को दिया जा रहा है। पानी छोड़ने का यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहा तो पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला जाएगा, जो खतरे का संकेत होगा।
सूख गया पानी, तालाब बना मैथन डैम
बारिश नहीं होने के कारण मैथन डैम में पानी की भारी कमी हो गई है। इसके अधिकांश भाग पूरी तरह से सूख गए हैं। मैथन छठ घाट से लेकर स्पाेटर्स हास्टल के इलाके में डैम में पानी नहीं के बराबर है। मैथन डैम का यह इलाका खेल मैदान बन गया है। डैम में तालाबनुमा पानी है। यहां आने वाले पर्यटक डैम की ऐसी स्थिति देख दंग रह जाते हैं। उन्होंने इसके पहले डैम की ऐसी हालत कभी नहीं देखी। वाहन लेकर आने वाले पर्यटकों को डैम के पानी के पास जाने के लिए करीब एक किमी दूरी तय करनी पड़ती है। स्पोर्ट्स हास्टल के इलाके में लोग वाहन लेकर आसानी से डैम की सूखी जमीन से होकर इस पार से उस पार चले जा रहे हैं।
नाविक व दुकानदारों की मारी गई कमाई
डैम में पानी कम हो जाने के कारण नाव चलाकर परिवार चलाने वाले नाविकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। डैम के अधिकांश इलाके में इतना भी पानी नहीं बचा है कि उसमें नाव चलाया जा सके। नतीजन नाव किनारे में पड़ा-पड़ा डैम की शोभा बढ़ा रहा है। कुछ इलाके में पानी है तो वहां के नाविक किसी तरह से नाव व बोट चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। डैम के गिरते जलस्तर का असर पर्यटकों पर भी पड़ा है। पानी व प्राकृतिक का आनंद नहीं मिलने के कारण बाहर के पर्यटकों का आना बंद हो गया है। इससे डैम के किनारे दुकान चलाकर रोजगार करने वाले दुकानदारों को समक्ष भी भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे वे लोग काफी चिंतित हैं।
इस संबंध में केंद्रीय जल आयोग के पदाधिकारी निशांत कुमार कहते हैं कि मैथन डैम के ऊपरी भाग से पानी का इनफ्लो कम हो गया था। इसे देखते हुए सोमवार से मैथन डैम से बंगाल को पानी देना पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पंचेत डैम से सिर्फ डेढ़ हजार एकड़ फीट पीने के लिए पानी बंगाल को दिया जा रहा है। वर्तमान में पीने के पानी की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले संकट को देखते हुए हमलोग सतर्क हैं।

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