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    फणीश्वरनाथ रेणु ने उपन्यास के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2022 07:26 PM (IST)

    फणीश्वरनाथ रेणु ने उपन्यास के माध्यम से

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    फणीश्वरनाथ रेणु ने उपन्यास के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास

    फणीश्वरनाथ रेणु ने उपन्यास के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास

    लोयाबाद : लोयाबाद कोक प्लांट में शुक्रवार को अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासभा के तत्वावधान में पद्मश्री फणीश्वर नाथ रेणु की जयंती मनाई गई। महासभा के जिलाध्यक्ष दिनेश दीवान ने कहा कि भले ही वे धानुक समाज में पैदा हुए, लेकिन उन्होंने आजादी के बाद देश के मध्यम वर्ग के लोगों की स्थिति का वर्णन अपने उपन्यास के माध्यम से किया। उन्होंने समय-समय पर लोगों को जागरूक करने का काम किया है। उस समय समाज में भुखमरी, लाचारी, अशिक्षा व्याप्त थी। उन्होंने अपने साहित्य एवं उपन्यास के माध्यम से लोगों को आइना दिखाने का काम किया था। उन्होंने अपने देश के अलावा नेपाल के भी कोइराला परिवार के सहयोग से वहां के राजशाही के खिलाफ आंदोलन चलाया था। मैला आंचल, परती परिकथा, पंचलाइट, जुलूस, ठुमरी, तीसरी कसम इनके चर्चित उपन्यासों में से है। राजकपूर ने तीसरी कसम पर फिल्म का निर्माण किया था। मैला आंचल साहित्य को लेकर उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मौके पर कामेश्वर मंडल, अनुज कुमार उर्फ लालू, नंदकिशोर चौधरी, प्रदीप राव, सुनील राउत, नुनू रावत, श्याम झा गौतम, मोहन महतो, सुरेंद्र प्रसाद, बिपिन मास्टर आदि मौजूद थे।

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