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    UPSC Civil Services Final Result 2019: देवघर के रवि जैन ने हासिल किया 9वां स्थान, संप्रति बिहार के जमुई में सेल टैक्स ऑफिसर

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Tue, 04 Aug 2020 04:18 PM (IST)

    UPSC Civil Services Final Result 2019 फिलहाल रवि जैन बिहार के जमुई जिले में सेल्स टैक्स ऑफिसर के पद पर पदस्थापित हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देवघर में ...और पढ़ें

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    UPSC Civil Services Final Result 2019: देवघर के रवि जैन ने हासिल किया 9वां स्थान, संप्रति बिहार के जमुई में सेल टैक्स ऑफिसर

    देवघर, जेएनएन। UPSC Civil Services Final Result 2019 संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2019 में देवघर के रवि जैन (Ravi Jain) ने 9वां स्थान ( Ravi Jain of Devghar 9th position in UPSC exam) हासिल किया है। रवि का घर देवघर के जैन मंदिर गली में है। इससे पहले उनका चयन बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में हुआ था। फिलहाल वे बिहार के जमुई जिले में सेल टैक्स ऑफिसर के पद पर पदस्थापित हैं। रवि का प्रारंभिक शिक्षा देवघर में ही हुई है। उनके पिता अशोक जैन व्यवसायी हैं।

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    संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा-2019 का परिणाम मंगलवार को आने के बाद से देवघर के जैन मंदिर की गली गुलजार है। यहां लोगों का आना-जाना लगा हुआ है। लोग पहुंचकर रवि जैन के परिजनों को बधाई दे रहे हैं। रवि के चाचा ताराचंद जैन, जैन धार्मिक न्यास बोर्ड देवघर के अध्यक्ष हैं। 

    देखें वीडियो: UPSC Civil Services Result 2019 announced: www.upsc.gov.in पर चेक करें Result - Watch Video

    समाज व देश सेवा की चाह ने दिलाई यह सफलता, घर में जश्न का माहौल

    संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2019 में देवघर के लाल ने कमाल कर दिखाया है। देवघर के जैन मंदिर के समीप के रहने वाले रवि जैन ने यूपीएससी की परीक्षा में नौवां रैंक हासिल कर देवघर के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जोड़ दिया है। वर्तमान में रवि, बिहार के जमुई में सेल टैक्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। पिछले वर्ष बीपीएससी का परिणाम आया तो उन्हें 129वां रैंक हासिल हुआ था। रवि के पिता अशोक जैन, व्यवसायी जबकि मां मंगला जैन गृहिणी हैं। उनके चाचा ताराचंद जैन, जैन न्यास धार्मिक बोर्ड के अध्यक्ष हैं। रवि ने यह सफलता चौथे प्रयास में हासिल की है। इसके पहले वह दो बार यूपीएससी के साक्षात्कार तक पहुंच चुके हैं।

    रवि की प्रारंभिक शिक्षा देवघर में

    रवि की प्रारंभिक शिक्षा देवघर में हुई है। संत फ्रांसिस स्कूल, देवघर से उन्होंने दसवीं की परीक्षा 85 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद वह दिल्ली चले गए जहां एमटी इंटरनेशनल स्कूल से उन्होंने 12वीं परीक्षा 85 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर तीन साल तक प्राइवेट कंपनी में काम किया। जागरण से बात करते हुए रवि ने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा पास करना तो अपने आप में चुनौती है, तीन स्टेज होता है। पाठ्यक्रम ज्यादा व समय कम इसलिए दबाव बहुत अधिक होता है, लेकिन तैयारी व परीक्षा में बैठने के दौरान यह पता चल जाएगा कि हमें और कहा मेहनत करनी है। उन्होंने यह भी कहा कि दो बार साक्षात्कार से वापस होने और चौथी बार में चयन हो जाने के बाद भी उन्हें यह नहीं पता चला कि आखिर वह चूक कहां कर रहे थे। कहा कि यूपीएससी के लिए बहुत ही गहन अध्यन की जरूरत होती है। देवघर में इसके लिए कोचिंग तो नहीं है, लेकिन सूचना तकनीक के माध्यम से इसकी तैयारी की जा सकती है। हर जिले में पुस्तकालय भी है। यूपीएससी पास करने वालों के संपर्क में रहने से बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। कोचिंग से नोट्स आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। कहा कि समाज के कुछ करने की इच्छा व देश के विकास में योगदान के जज्बे ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने परिवार वालों व दोस्तों को दिया। रवि की सफलता से परिवार में हर्ष का माहौल है। ताराचंद जैन कहा कि नौवां रैंक लाकर रवि ने न केवल जैन समाज बल्कि देवघर का नाम रोशन किया है।

    अब बेटे से होगी बाप की पहचान

    रवि के पिता अशोक जैन तो इस सफलता पर तो फूले नहीं शमा रहे हैं। जमुई से लौटने के बाद घर में रवि का स्वागत बैंड बाजों के साथ हुआ। इसके बाद जैन मंदिर में रवि ने आशीर्वाद लिया। रवि के पिता अशोक जैन जिनका शिक्षा से बहुत कम ही लेना-देना है, कहा कि इससे ज्यादा खुशी की बात क्या होगी कि अभी तक रवि की पहचान उनसे होती थी, लेकिन अब उनकी पहचान अपने बेटे से होगी। बताया कि पूर्व में 25 मार्च को उसका साक्षात्कार निर्धारित था लेकिन लॉकडाउन के बाद इसे बढ़ा दिया गया और रवि दिल्ली से यहां आ गया। लॉकडाउन के कारण उस पर साक्षात्कार के दबाव था। 20 जुलाई को साक्षात्कार हुआ और 24 जुलाई को वह घर पहुंचने के बाद क्वारंटाइन हो गया। लंबे अंतराल के बाद मंगलवार को जब वह जमुई में था, तभी उसे सूचना मिली। बैंड बाजे के धुन पर घर के सदस्य नाच रहे थे।