Dhanbad News: प्रसूता की मौत पर बाघमारा में बवाल, सांसद के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधक पर केस दर्ज
धनबाद के बाघमारा में प्रसूता की मौत के बाद हंगामा मच गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके बाद सांसद ने हस्तक्षेप किया। पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। परिजनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

स्वजनों से अस्पताल में मिलते सांसद व अन्य। (जागरण)
जागरण संवाददाता, कतरास/बाघमारा (धनबाद)। बाघमारा थाना क्षेत्र के डुमरा हीरक मार्ग स्थित अनवित हेल्थ केयर हॉस्पिटल में सोमवार देर रात एक प्रसूता की मौत के बाद मंगलवार को दिनभर तनाव की स्थिति बनी रही।
मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और गोमो-हरिणा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर सड़क जाम कर दिया।
मुआवजा और कार्रवाई की मांग पर सड़क पर उतरे स्वजन
सोमवार देर रात आमटांड़ रामकुंडा निवासी संजय महतो की पत्नी गीता कुमारी (करीब 21 वर्ष) की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद मृतका के स्वजन व ग्रामीण काफी संख्या में अस्पताल पहुंचे और मुआवजे तथा अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल को घेर लिया।
प्रखंड सह अंचल मुख्यालय में सुबह से देर शाम तक कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। दोपहर तक हल नहीं निकलता देख उग्र ग्रामीणों ने दोपहर दो बजे हरिणा चौक को चारों तरफ से जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं सड़कों पर बैठ गईं और सो गईं, जिसके कारण गोमो, डुमरा, चंद्रपुरा और कतरास मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया।
इस दौरान ग्रामीणों ने सड़क पर टायर भी जलाए, जिससे चारों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और राहगीरों से प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई।
वार्ता में 10 लाख मुआवजे और कार्रवाई की मांग
प्रखंड कार्यालय में सीओ गिरजानंद किस्कु, बीडीओ लक्ष्मण यादव, बाघमारा थाना प्रभारी अजीत कुमार और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्रीनाथ की मौजूदगी में अस्पताल प्रबंधन के साथ वार्ता शुरू हुई।
अस्पताल की ओर से डॉ. आशीष कुमार मौजूद थे, जबकि स्वजनों का प्रतिनिधित्व गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रतिनिधि सुभाष रवानी, गिरधारी महतो, मुखिया रिंकू महतो और जेकेएलएम नेता राजा दास कर रहे थे। स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई के साथ 10 लाख रुपए मुआवजे की मांग की।
स्वजनों का आरोप- डिस्चार्ज के बाद बिगड़ी तबीयत, रेफर के दौरान मौत
स्वजनों ने बताया कि गीता देवी को 26 अक्टूबर को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और उसी दिन ऑपरेशन से उन्हें पुत्री हुई थी। सोमवार को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। घर जाते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। तत्काल उन्हें दोबारा अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
आरोप है कि दूसरे अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। स्वजनों ने इलाज में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि शाम के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं रहता था।
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि डिलीवरी के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया था। स्वजन उसे घर ले गए थे। महिला अपने पैरों पर चलकर अपने घर गई थी, फिर घर में उसकी तबीयत कैसे बिगड़ी यह जांच के बाद ही पता चल सकता है। इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है।
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पहुंचे, डीसी-एसपी से की बात
शाम साढ़े सात बजे गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी स्वयं आंदोलनस्थल पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत फोन पर उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से बात कर उचित कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद उन्होंने सीओ से भी बात की और अस्पताल जाकर स्वजनों से मिलकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सांसद की मांग : अस्पताल को सील कर मामला दर्ज हो
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि इस अस्पताल की लगातार शिकायत मिल रही है। इलाज में घोर लापरवाही बरतने की शिकायत लगातार आती रहती है। फर्जी कागजात पर भाड़े के मकान में अस्पताल चलाया जा रहा है। जिसकी जांच होनी चाहिए। प्रशासन अस्पताल को सील कर मामला दर्ज करे।
प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार पर प्राथमिकी दर्ज
दिनभर चले आक्रोश और सांसद के हस्तक्षेप के बाद, मृतका के पति संजय कुमार महतो की शिकायत पर बाघमारा पुलिस ने अनवित हेल्थ केयर के प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रात 9 बजे तक भी स्थिति यथावत थी, सड़क जाम था। स्वजन शव को अस्पताल से बाहर नहीं निकालने पर अड़े हुए थे।
रात 11 बजे हटा सड़क जाम, अस्पताल अब भी बंधक
दिनभर चले गतिरोध और सड़क जाम के बाद, रात करीब 11 बजे सीओ बाघमारा गिरजानंद किस्कु और बीडीओ बाघमारा लक्ष्मण यादव द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों को समझा-बुझाकर गोमो-हरिणा मुख्य मार्ग से सड़क जाम हटाया जा सका।
हालांकि, मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों द्वारा अभी भी अस्पताल परिसर को बंधक बनाकर रखा गया है और वे शव को अस्पताल से बाहर निकालने नहीं दे रहे हैं। इस कारण प्रशासन भी अस्पताल को सील करने की कार्रवाई पूरी नहीं कर पा रहा है।

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