News 11 के मालिक अरूप चटर्जी की फंसती ही जा रही गर्दन, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के दो और केस दर्ज
ब्लैकमेलिंग व रंगदारी मांगने के मामले में धनबाद जेल में बंद न्यूज 11 भारत न्यूज चैनल के मालिक अरूप चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, निरसा (धनबाद): ब्लैकमेलिंग व रंगदारी मांगने के मामले में धनबाद जेल में बंद न्यूज 11 भारत न्यूज चैनल के मालिक अरूप चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बार धनबाद के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रोबिन चंद्र गोराईं ने कालूबथान ओपी में अरूप चटर्जी के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज कराई है।
रविवार को पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली। प्राथमिकी में रोबिन चंद्र गोराई ने आरोप लगाया है कि अरूप चटर्जी ने अपनी कंपनी केयर विजन में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए पांच मार्च 2012 को उनसे 10 लाख रुपये लिए थे। रुपये लेकर कहा था कि बाद में कंपनी से रिसीविंग का सर्टिफिकेट आएगा। बाद में पता चला कि वह चिटफंड कंपनी थी, जो भाग गई। कहा कि अरूप चटर्जी ने सैकड़ों लोगों से चिटफंड कंपनी में करोड़ों रुपये का निवेश करवाया तथा पैसे हड़प लिया। रोबिन ने आरोप लगाया कि अरूप चटर्जी एवं उनके लोगों ने उनके साले से भी उक्त चिटफंड कंपनी में पैसे का निवेश करवाया था। इस संबंध में कालूबथान ओपी प्रभारी मुकेश कुमार राउत ने बताया कि अरूप चटर्जी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आमटाल के मुखिया ने भी अरूप के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी
इधर, बलियापुर प्रखंड की आमटाल पंचायत के मुखिया संजय कुमार ने अरूप एवं उनकी कंपनी केयर विजन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एग्रोटेक लिमिटेड के निदेशक व कर्मियों पर सात लाख 11 हजार पांच सौ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाते हुए बलियापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी में मुखिया संजय कुमार का आरोप है कि वर्ष 2012 में रांची डोरंडा निवासी अरूप चटर्जी व केयर विजन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एग्रोटेक लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर व कर्मी उनके घर पर आए थे। अरूप व उनके साथ आए कंपनी के लोगों ने कई तरह के प्रलोभन देकर उन्हें विश्वास में ले लिया। 24 फरवरी 2012 को अरूप चटर्जी व उनके अन्य साथी आमटाल उनके घर पर आए। प्रलोभन में आकर पत्नी, मां व अन्य स्वजनों की उपस्थिति में अरूप को सात लाख 11 हजार पांच सौ रुपये दे दिए। इस दौरान उन लोगों ने उन्हें मात्र एक लाख रुपये की ही रसीद दी। इसके बाद सभी यह कहकर चले गए कि शेष राशि का कुछ एफडी व कुछ राशि एमआइएस कर दिया जाएगा।
कुछ दिनों बाद अरूप से एमआइएस के सर्टिफिकेट की मांग की। इस पर उन्होंने घर आकर एक लाख 11 हजार पांच सौ रुपये का एमआइएस का सर्टिफिकेट दिया। बाकी पांच लाख के एफडी का सर्टिफिकेट मांगा तो कुछ दिन बाद सर्टिफिकेट देने की बात कह चले गए। उन्होंने बाद में फिर कई बार पांच लाख रुपये के एफडी का सर्टिफिकेट मांगा, लेकिन वह टालमटोल करता रहा। मुखिया ने बलियापुर थाना पुलिस से अरूप व उक्त कंपनी के डायरेक्टर, कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की। पुलिस छानबीन में जुटी है।
इस संबंध में बलियापुर थाना प्रभारी पवन कुमार चौधरी ने कहा कि शिकायत के बाद थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस गंभीरता से मामले की छानबीन में जुटे हैं। छानबीन के बाद कुछ कहा जा सकता है।

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