Turtle Smuggling का सिलसिला जारी, दून एक्सप्रेस के महिला कोच में मिले 35 जिंदा कछुए
Turtle Smugglingः दून एक्सप्रेस के महिला कोच में 35 जिंदा कछुए मिलने से कछुआ तस्करी का मामला सामने आया है। पुलिस ने कछुओं को बरामद कर वन विभाग को सौंप ...और पढ़ें

बरामद कछुओं के साथ धनबाद आरपीएफ के जवान और अधिकारी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। Turtle Smuggling योग नगरी ऋषिकेश से हावड़ा जा रही दून एक्सप्रेस के महिला कोच से कपड़े के थैले में छिपाकर तस्करी किए जा रहे 35 जिंदा कछुए मिले हैं। आरपीएफ ने धनबाद स्टेशन पर कछुए से भरा बैग जब्त किया है।
नवंबर-दिसंबर के 26 दिनों में दून एक्सप्रेस से कछुआ मिलने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले सात नवंबर को भी इसी ट्रेन के महिला कोच से 78 कछुए बरामद किए गए थे। पिछली बार भी तस्कर सामने नहीं आया था। इस बार भी बरामद थैलियों की किसी ने दावेदारी नहीं की। जीवित कछुओं को वन विभाग को सौंप दिया गया।
थैले के अंदर जूट के बोरे में रखे गए थे कछुए
प्लेटफार्म पर आन ड्यूटी आरपीएफ को ब्रेक यान से महिला कोच में तीन कपड़े के थैले में कछुए की तस्करी की सूचना मिली थी। ट्रेन के प्लेटफार्म एक पर पहुंचते ही आरपीएफ ने महिला कोच में छिपाए गए तीनों थैला जब्त कर लिया।
उन्हें खोल कर जांच की गई जिसमें थैले के अंदर जूट के बोरे में छिपाए गए कछुए मिले। जानकार बताते हैं कि बोरे में रखने से उन्हें छिपाकर ले जाने में आसानी होती है। सीट के नीचे छिपा दिया जाता है। तस्कर महिला कोच से सटे डिब्बे में रह कर उनकी निगरानी करता है। जांच में पकड़े जाने पर सामने नहीं आता। पकड़ में न आने पर निर्धारित स्टेशन पर थैले उतार लिये जाते हैं।
इंडियन फ्लैपशेल प्रजाति के हैं मीठे पानी में पाए जानेवाले कछुए
ट्रेन से बरामद जीवित कछुए इंडियन फ्लैपशेल प्रजाति के हैं। इन्हें मीठे पानी में पाया जाता है। नरम त्वचा और खोल के फ्लैप जो अंग को ढकते हैं, उसके कारण इन्हें फ्लैपशेल कहा जाता है। इससे पहले मिले कछुए भी इसी प्रजाति के थे।
कौन-कौन थेः आरपीएफ एसआइ पालिक मिंज, एएसआइ जीवलाल राम, बबुलेश कुमार, सतेंद्र प्रसाद, परविंद कुमार, विवेक कुमार,अनिल कुमार।

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