लाखों की प्यास बुझाती थी यह झील, गाद भरने से अब खुद हो गई प्यासी
तोपचांची झील से कतरास व आस-पास के क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाती है। झील में घटते जलस्तर से सप्ताह में दो दिन जलापूर्ति हो रही है।
कतरास, बृजनंदन ठाकुर। तोपचांची झील में जलस्तर तेजी से घटता जा रहा है। पिछले पंद्रह दिनों में इसका जलस्तर तीन फीट नीचे चला गया है। अभी झील का जलस्तर 47 फीट है। झील में 28 फीट गाद है यानी और 19 फीट पानी ही जलापूर्ति के लिए उपलब्ध है। जलस्तर 28 फीट पहुंचने पर जलापूर्ति हो पाना संभव नहीं है। यह स्थिति झील की तल पर जमा गाद व बारिश कम होने के चलते उत्पन्न हुई है। पिछले कई वर्षों से गाद की सफाई नहीं हुई है। इसके कारण गर्मी के दिनों में कम पानी बचता है।
झील से सटी पहाडिय़ों से इसमें पानी पहुंचता है। तीन पहाडिय़ों से कई नाला के जरिए पानी बहकर झील में आता है, लेकिन रास्ते में कई जगह चेक डैम व नाला जगह जगह जाम होने के चलते पानी कम पहुंच रहा है। पिछले साल नाला की सफाई कराई गई थी। सफाई सही से नहीं होने पर अभी भी कई नाला जाम पड़ा हुआ है। इसमें ढोलकटटा व ललकी नाला मुख्य है।
कतरास में सप्ताह में दो दिन जलापूर्तिः तोपचांची झील से कतरास व आस-पास के क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाती है। झील में घटते जलस्तर से सप्ताह में दो दिन जलापूॢत आपूॢत हो रही है। 24 इंच पाईप से तेतुलमारी होते हुए कतरास शहर के पचगढी बाजार, रानीबाजार, सलानपुर, गुहीबांध, भंडारीडीह, छाताबाद, चैतुडीह, ईस्ट कतरास आदि मोहल्लों में सप्ताह में दो दिन जलापूॢत हो रही है। वैकल्पिक व्यवस्था नही हुई, तो मई माह में कतरास को गहरा जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। जलसंकट के समाधान के लिए अबतक ठोस पहल नहीं हुई है। गर्मी के दिनों में जलसंकट उत्पन्न होने पर तंत्र व जनता के नुमाइंदों को झील की सफाई की याद आती है। माडा के कर्मी बताते हैं, अप्रैल तक जलापूॢत की यही व्यवस्था रहेगी। जल भंडारण की क्षमता में वृद्धि के लिए मिट्टी कटाई का कार्य शुरू किया गया है।
गाद व नालों की सफाई ही एकमात्र उपायः तोपचांची झील से सटे पहाड़ पर बने नाले और गाद की सफाई से झील को सुधारा जा सकता है। नालों का सही ढंग से सफाई की जाय तो झील में बारिश का पानी सीधे आएगा। साथ ही गाद को निकालकर बाहर किए जाने पर पानी बढ़ेगा।
तिलाटांड़ रिजरवायर कम आता है पानीः तोपचांची से तिलाटांड रिजरवायर में आवश्यकता से कम पानी आ रहा है। माडा कर्मी सुरेशचंद्र मंडल की माने तो तोपचांची से प्रतिदिन करीब ग्यारह लाख गैलेन पानी आ रहा है। इसमें अलग - अलग पाइप लाईन से क्षेत्रों में आपूॢत की जाती है। 14 इंच पाइप से तेतुलमारी सुभाष चौक, श्यामबाजार, जोगता, अंगारपथरा, मोदीडीह इलाके में सप्ताह में चार दिन आपूॢत की जाती है।
कतरास में कम हो सकता है जलसंकटः कुसुंडा से जामाडोबा जल सयंत्र का पानी निचितपुर रिजरवायर के जरिए तिलाटांड लाने से कतरास में जलसंकट कम किया जा सकता है। तीन साल पूर्व जामाडोबा का पानी उसी लाईन के कतरास के लोगों को उपलब्ध कराया गया था धर्माबांध जलापूॢत योजना भी बंद है। इस योजना को सुदृढ़ करने से तेतुलिया, चैतडीह, मालकेरा रोड, छाताबाद पांच नंबर, कैलुडीह, स्टेशन रोड, कपड़ा पट्टी, गद्दी मोहल्ला होते हुए रोड के दक्षिण भाग में जलापूर्ति संभव है।
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