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    संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के बेटे गालिब की कहानी कहती है यह फिल्म, 23 को हो रही रिलीज

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 03:23 PM (IST)

    दिल्ली के होटल में अपने कमरे में एक समाचार देख रहा था कि अफजल गुरु के बेटे गालिब गुरु ने हाई स्कूल की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया। यह एक समान्य घटना नहीं थी क्योंकि अफजल वही आतंकवादी था जो संसद हमले का दोषी था।

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    गालिब फिल्‍म की शूटिंग के दौरान का एक दृश्‍य।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: दिल्ली के होटल में अपने कमरे में एक समाचार देख रहा था कि अफजल गुरु के बेटे गालिब गुरु ने हाई स्कूल की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया। यह एक समान्य घटना नहीं थी, क्योंकि अफजल वही आतंकवादी था, जो संसद हमले का दोषी था। उसकी पत्‍नी तब्बुसुम और बेटे गालिब ने अफजल को फांसी से बचाने के लिए लंबी लडाई लड़ी लेकिन वो असफल रहे। इस घटना के बाद कई रातें इस बारे में सोचता रहा, फिर सोचा एक ऐसी कहानी जिसमें एक आतंकवादी के परिवार वाले को क्या झेलना पड़ता है ऐसी कहानी पर फिल्म बनाई जा सकती है। इसी सोच के साथ गालिब का जन्म का हुआ। यह कहना है फिल्म के लेखक धीरज मिश्रा का। झरिया के लेखक धीरज मिश्रा की फिल्‍म गालिब 23 सितंबर को रिलीज होगी।

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    बकौल धीरज, जब उन्होंने गालिब के बारे में पहली बार अपने दोस्त को बताया था तो उसने सिरे इसे खारिज करते हुए कहा कि एक आतंकवादी का महिमा मंडन ठीक नहीं है। हालांकि एक लेखक के तौर पर बेहद संवेदनशील होने के नाते जानता था कि गालिब एक आतंकवादी का महिमामंडन नहीं, बल्कि एक पत्नी और बेटे का दर्द था। अपने पति और पिता द्वारा किए गए कृत्यों के चलते उन्हें झेलना पड़ा। फिल्म की पटकथा अपनी पत्नी यशोमती देवी के साथ लिखना शुरू किया और सब बनता चला गया।

    धीरज बताते हैं कि जब मैंने यह तय कर लिया कि मुझे गालिब पर फिल्म बनानी है और निर्माता के रूप में दोस्त घनश्याम पटेल मिल गए। घनश्याम धीरज की फिल्म चापेकर ब्रदर्स के भी निर्माता रह चुके थे। कहानी के लिए साक्ष्य जुटाने लंबी यात्रा पर निकल गया। धीरज बताते हैं कि पटकथा में कई काल्पनिक घटनाओं को भी जोड़ा। अफजल के साथ कश्मीर भी हमेशा विवादों में रहा है। एक जिम्मेदार लेखक के तौर पर इस चुनौती से भी निपटना था कि फिल्म विवादों से दूर रहे, हालांकि लोग जानबूझ कर ऐसा मसाला डालते हैं, ताकि फिल्म गर्म हो।

    धीरज बताते हैं कि फिल्म में अफजल की पत्नी का किरदार बेहद महत्वपूर्ण था। इसके लिए एक ऐसा चेहरा चाहता था, जो इससे न्याय कर सके। यह तलाश दीपिका चिखलिया के रूप में पूरी हुई। दीपिका पहले सीता का किरदार निभा चुकी हैं और उनकी एक बड़ी इमेज है, इसलिए डर था कि लोग अफजल की पत्‍नी के रूप में उन्‍हें फिल्‍माने का विरोध करेंगे और किया भी। जब फिल्म की यह खबर आई कि वह गालिब में अफजल की पत्‍नी बन रही हैं तो इंटरनेट मीडिया पर हम दोनों को गालियां मिलने लगीं। असहज हो गया था, क्योंकि इससे पहले मैंने ऐसे महान क्रांतिकारियों पर फिल्म बनाई थी, जिन्होंने अपना सबकुछ देश के लिए अर्पण कर दिया था और मेरी हमेशा तारीफ होती आई थी। चाहे वह जय जवान, जय किसान में लाल बहादुर शास्त्री जी की फिल्म हो या पुणे के चापेकर बंधुओं पर बनी फिल्म चापेकर ब्रदर्स हो।

    गालिब भी बायोपिक, लेकिन विषय विवादित

    धीरज के अनुसार, गालिब भी बायोपिक की तरह ही है, लेकिन विषय विवादित है। अपनी पटकथा पर भरोसा था कि यह लोगों को भावुक कर देगी। विशुद्ध रूप से एक मां-बेटे के संबंधों पर आधारित देश प्रेम जगाने वाली फिल्म है। धीरज ने कहा कि गालिब की भूमिका में निखिल पितले हैं और वह गालिब से पहले मुझे एक फिल्म के लिए मिले थे। तब बात नहीं बन पाई। जब गालिब लिखने लगा तो लगा कि वह बेहतर साबित होंगे और मुख्य भूमिका के लिए चुन लिये गए। गालिब 23 सितंबर को रिलीज हो रही है। इसके लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा। कोविड के चलते हम सबको इसका असर झेलना पड़ा है, अब ये जिंदगी का हिस्सा है।

    फिल्म का निर्माण गिरिवा प्रोडक्शन के बैनर तले हुआ है। सह निर्मात्री निमिषा पटेल हैं और निर्देशन मनोज गिरी ने किया है। अन्य कलाकारों में अजय आर्या, अनिल रस्तोगी, अनामिका शुक्ला, विशाल दुबे, मेघा जोशी, मंजेश पाण्डेय, प्रशांत राय, आरती त्यागी, विवेक त्रिपाठी प्रमुख हैं। लाइन प्रोडूयसर अविनाश कुमार, शालिनी सिंह और हुसैन हैं। फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के अलावा जम्‍मू और कश्‍मीर के भद्रवाह में हुई है।