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    यूनियनों ने किया एलान, फुल बेंच में ही होगा जेबीसीसीआइ के सारे मुद्दों पर फैसला, कहा- प्रबंधन जल्द बुलाए बैठक

    By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar Pandey
    Updated: Sun, 13 Nov 2022 01:09 PM (IST)

    कोल इंडिया के 2 लाख 62 हजार कोयला मजदूरों का वेतन समझौता जुलाई 2021 से लंबित पड़ा है। छह बैठकें हो चुकी हैं लेकिन मामला अब तक हल नहीं हुआ है। अब बैठक को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है।

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    एचएमएस ने कोल इंडिया को बैठक बुलाने को कहा है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: कोल इंडिया के 2 लाख 62 हजार कोयला मजदूरों का वेतन समझौता जुलाई 2021 से लंबित पड़ा है। छह बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन मामला अब तक हल नहीं हुआ है। अब बैठक को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है। प्रबंधन ने भी जल्द बैठक बुलाने को लेकर चर्चा शुरू कर दी है।

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    संभावना व्यक्त की जा रही है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में जेबीसीसीआई 11 की सातवीं बैठक बुलाई जाएगी। एचएमएस ने कोल इंडिया को बैठक बुलाने को कहा है। वहीं हिंद मजदूर सभा ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है।

    बीते दिनों रांची दौरे पर आए कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल एवं कोल इंडिया के डीपी विनय रंजन ने भी कहा था कि हम लोग भी जल्द वेतन समझौता करने के पक्ष में हैं और इसको लेकर अगली बैठक में सकारात्‍मक चर्चा होगी। गौरतलब है कि कोयला मजदूरों का वेतन समझौता पिछले करीब एक साल से अधिक समय से लंबित है। इस मुद्दे को लेकर यूनियनों में तकरार तक हो चुकी है। सभी अपने अपने स्तर से मांगों को मनवाने में जुटे हैं। दूसरी ओर, अब तक प्रबंधन ने महज 10 फीसद ही मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) देने की बात कही है, जबकि यूनियनें 50 फीसद मिनिमम गारंटी बेनिफिट से घटकर 30 फीसद पर आ चुकी हैं। इसके बावजूद सहमति नहीं बन पाने की वजह से वेतन समझौता लटका हुआ है।

    कई संगठन चाहते हैं कि मिनिमम गारंटी बेनिफिट तय हो जाए, उसके बाद अन्य मामलों पर सब कमेटी बनाकर उसमें बाकी फैसले लिये जाएं, लेकिन इस पर हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के जेबीसीसीआइ सदस्य सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि ऐसा इस बार नहीं चलने वाला। उन्होंने कहा कि इस बार जेबीसीसीआइ की फुल बेंच में ही सारे निर्णय लिये जाएंगे। सब कमेटी का फंडा नहीं चलने दिया जाएगा।

    अरूप भी बोले- जेबीसीसीआइ की फुल बेंच में होंगे सारे निर्णय

    जेबीसीसीआइ सदस्य एवं बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के महासचिव अरूप चटर्जी ने कहा कि वेतन समझौता लेट होने से या सब कमेटी में मामला जाने से निर्णय काफी देर से आता है। इसका लाभ प्रबंधन को मिलता है। मजदूरों को काफी नुकसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो भी कोयला मजदूरों को मिल रहा है, उसमें कटौती का कोई सवाल ही नहीं उठता। उसमें बढ़ोतरी को लेकर ही विचार हो रहा है।

    भत्ता फ्रीज हटाने पर होगा जोर

    अरूप ने कहा कि इस बार कोयला श्रमिकों को मिलने वाले भत्ते पर लगी गई रोक को हटाने पर भी जोर दिया जाएगा। दसवें वेतन समझौता के समय वन टाइम भत्‍ता देकर इसे फ्रीज कर दिया गया है। उसे इस बार हटाने को लेकर जोर दिया जाएगा। इससे मजदूरों को हर माह काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मेडिकल अनफिट, फीमेल वीआरएस का मामला भी उठाया जाएगा।

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