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    सरकारी शराब की दुकानों में बिक रही है नौकरी... अगर जेब में हैं 50 हजार रुपये तो ज्‍वाइनिंग के लिए तैयार होकर पहुंचें

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 04 May 2022 07:38 AM (IST)

    शराब बेचने की झारखंड सरकार की योजना पर निजी कंपनियों ने पलीता लगा दिया है। बीते सप्ताह शराब की दुकान पर काम करने के लिए एक हजार से अधिक युवाओं का जिला प्रशासन ने साक्षात्कार लिया लेकिन जिनका चयन हुआ उन्हें भी काम पर नहीं रखा जा रहा है।

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    पहले दिन बेरोजगार ग्रैजुएट युवा प्रत्येक ब्रांड की शराब का मूल्य ढूंढते व पसीना बहाते नजर आए।

    बीके पाण्डेय, बोकारो: सरकार के स्‍तर पर शराब बेचने की झारखंड सरकार की योजना पर निजी कंपनियों ने पलीता लगा दिया है। बीते सप्ताह शराब की दुकान पर काम करने के लिए एक हजार से अधिक युवाओं का जिला प्रशासन ने साक्षात्कार लिया, लेकिन जिनका चयन हुआ, उन्हें भी काम पर नहीं रखा जा रहा है। सरकार का प्लान था कि भले स्थायी ना सही, अस्थायी और निजी क्षेत्र में ही हो, लेकिन राज्य में सात से आठ हजार युवाओं को नौकरी देकर रोजगार देने का ढिंढोरा पीटा जाएगा, पर इसके पहले ही मैनपावर उपलब्ध कराने वाली संस्‍था सुमित एंड कंपनी ने बेरोजगारों का सपना तोड़ दिया। कंपनी का साफ कहना है कि 50 हजार रुपये दीजिए और सीधे ड्यूटी ज्वाइन कीजिए। कोई इंटरव्‍यू नहीं, कोई औपचारिकता नहीं। और अगर रुपये नहीं देंगे तो जहां जाना है जाइए।

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    प्रिंट रेट से अधिक वसूल रहे शराब की कीमत: इसी विवाद के बीच मंगलवार को बोकारो शहर की कई शराब दुकानों को खोल दिया गया। दुकानें खुलीं तो पहले दिन शराब के प्रिंट रेट से 10 रुपये प्रति बोतल महंगा बेचने का निर्देश दिया गया है। हालांकि शौक बड़ी चीज है। शौक के आगे 10 रुपये क्‍या हैं!

    नौकरी के लिए ग्रैजुएट और एमबीए पास अभ्‍यर्थियों तक के आए थे आवेदन: राज्य में शराब की बिक्री को बेहतर करने का वादा कर उत्पाद विभाग ने नियोजनालय के माध्यम से भर्ती निकाली थी। भर्ती में बिक्री सहायक के लिए इंटर पास तथा सुपरवाइजर के लिए स्‍नातक की योग्यता निर्धारित की गई। लगभग 1300 युवाओं का एक सप्ताह तक साक्षात्कार चास स्थिति सरकारी आइटीआइ में लिया गया। मानदेय के बारे में बताया गया कि इंटर पास  अभ्‍यर्थियों को अप्रशिक्षत मजदूर का तथा स्‍नातक कर चुके लोगों को प्रशिक्षित मजदूर का वेतन दिया जाएगा। यानी इंटर पास लोगों को न्‍यूनतम नौ हजार रुपये और ग्रैजुएट युवाओं को साढ़े 10 हजार रुपये। इसके लिए साक्षात्कार बोर्ड में दो डीएसपी, नियोजन पदाधिकारी, श्रम विभाग के अधिकारी के अलावा बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपर समहर्ता को रखा गया। तेज-तर्रार इन अधिकारियों ने बेरोजगार युवाओं से कई सवाल किए और फिर 128 सुपरवाइजर तथा 373 सेल असिस्टेंट की सूची राज्य मुख्यालय को भेज दी गई।

    इसके बाद एक अलग ग्रुप ने रांची में 125 युवाओं को बुलाया। यहां इनसे कागज लिया गया और दूसरे दिन साक्षात्कार के नाम पूरे दिन बैठाकर शाम में पैसे की मांग गई। इसके बाद भगा दिया गया। यह सब सोमवार को उत्पाद विभाग के कार्यालय में हुआ। इससे पहले को-ऑपरेटिव कॉलोनी के शराब के सिडिंकेट कार्यालय में बुलाया गया। यहां जब हंगामा हुआ तो सारे अभ्‍यर्थी बदल गए।

    इंटरव्‍यू बोकारो के लोगों का, पर बिहार व रांची के लोगों को मिल गईं दुकान की चाबियां: बंद कमरे में बिहार और रांची से आए वैसे लोगों को दुकान की चाबियां थमाई गईं, जिनका बोकारो नियोजनालय से कोई संबंध ही नहीं था। आवेदन देनेवाले बेरोजगार सरकार की इस नीति से काफी खफा नजर आए। कहा कि जब इंटरव्यू हो रहा था, उस समय पैसे की कोई बात नहीं कही गई थी। अब आखिर 9000 की नौकरी के लिए 50 हजार रुपये की सिक्योरिटी मनी क्यों ली जा रही है ? चयनित अभ्यर्थियों में से राजदेव महथा, धर्मराज, सुबोध कुमार शर्मा , विजय कुमार का कहना था कि साक्षात्कार लेने के वक्त न तो यह सब बताया गया था और न ही उनके पास राशि है।

    पैसे मांगने से किया इन्‍कार: इधर, फोन पर पूछने पर सुमित एंड कंपनी के सुनील कुमार ने पैसे मांगने की बात से सीधे इन्‍कार किया और कहा कि मिलकर बात करेंगे। दूसरे सवाल से पहले सुनील ने कॉल कट कर दिया, जबकि एक दिन पूर्व इसी कंपनी के मनोज कुमार का कहना था कि कंपनी की ओर से भी कुछ लोगों की बहाली की गई है और कुछ अभ्‍यर्थियों का चयन जिला प्रशासन ने भी किया है। कुल मिलाकर दुकानें खुलवानी हैं। उन्‍होंने कहा कि सिक्योरिटी मनी के रूप में कुछ राशि ली जाएगी। हालांकि अभी ली नहीं गई है।

    अब ब्रांड के साथ बताना होगा अपना भी नाम: नई व्‍यवस्‍था के तहत, सरकारी शराब की दुकानों से शराब लेने के लिए पहले अपना नाम बताना होगा, इसके बाद ही शराब मिलेगी। हालांकि इसका रास्ता दुकान में बैठे सेल्स मैन ही बता रहे हैं कि दूसरे का भी नाम बोल दीजिए। मतलब कोई भी शराबी आपके नाम पर शराब लेकर सबसे अधिक शराब के सेवनकर्ता के रूप में आपको मशहूर कर सकता है। फिलहाल पहले दिन दुकानों में पहुंचे बेरोजगार ग्रैजुएट युवा प्रत्येक ब्रांड की शराब का मूल्य ढूंढते व पसीना बहाते नजर आए।