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    JTET 2025: जेटेट परीक्षा को लेकर आया बड़ा अपडेट, नई नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

    By Ravi RanjanEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 23 Jun 2025 07:00 PM (IST)

    झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) में देरी होगी और यह नवंबर तक हो सकती है, क्योंकि नई नियमावली का मसौदा विभिन्न विभागों से अनुमोदन और कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। पिछली अधिसूचना रद कर दी गई है, लेकिन पुराने आवेदकों को दोबारा शुल्क नहीं देना होगा।

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    जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) के लिए शिक्षक प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। यह इंतजार नवंबर माह तक भी हो सकता है। अभी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली का तैयार प्रारुप जैक, कार्मिक विभाग, जेएसएससी तथा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को भेजकर उनसे सुझाव मांगे हैं।

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    सुझाव की समीक्षा के बाद इसपर विभिन्न विभागों की स्वीकृति ली जाएगी। विभिन्न विभागों जैसे विधि, कार्मिक आदि से नियमावली पर स्वीकृति लेने के बाद इसपर कैबिनेट की भी स्वीकृति ली जाएगी। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही नियमावली लागू होगी। इसमें दो से तीन माह का समय लग सकता है।

    प्रस्तावित नियमावली में भाषा को लेकर भी विवाद है, जिसे खत्म करने के लिए पहले कार्मिक विभाग को संबंधित आदेश में बदलाव करना होगा। प्रस्तावित जेटेट नियमावली में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं का जिलावार निर्धारण कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार ही किया गया है।

    जेटेट नियमावली गठित होने के बाद जैक द्वारा इस परीक्षा का दोबारा विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे। इसके बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम एक माह का समय देना होगा। इसके बाद ही यह परीक्षा आयोजित हो पाएगी। ऐसे में पूरी संभावना है कि यह परीक्षा नवंबर माह में आयोजित हो।

    बताते चलें कि जैक ने पूर्व में लागू नियमावली के आधार पर पिछले वर्ष ही विज्ञापन जारी कर इस परीक्षा के लिए आवेदन मंगाए गए थे। अब विभाग द्वारा नई नियमावली बनाए जाने के कारण उक्त विज्ञापन को रद कर दिया गया। इस परीक्षा के लिए जैक को लगभग साढ़े तीन लाख आवेदन मिले थे।

    हालांकि, जैक ने कहा है कि इन अभ्यर्थियों को दोबारा आवेदन करने पर परीक्षा शुल्क देना नहीं पड़ेगा। राज्य में पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2013 और दूसरी परीक्षा 2016 में हुई थी। इसके बाद राज्य में यह परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी है।

    कैबिनेट से स्वीकृत प्रारंभिक शिक्षक प्रोन्नति का विरोध:

    अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कैबिनेट से 20 जून को स्वीकृत झारखंड प्रारंभिक शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 का विरोध किया है। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसपर पुनर्विचार करने की मांग की है। संघ की रविवार को राज्य कार्यकारिणी की हुई बैठक में नियमावली का विरोध करने का निर्णय लिया गया।

    संघ के नेताओं ने बैठक में कहा कि वर्ष 1993 की प्रोन्नति नियमावली के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। ऐसे में नई नियमावली लागू करना उचित नहीं है। इससे राज्य के लगभग 11 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे।

    संघ के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड के शिक्षकों और अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा दायर विभिन्न एसएलपी याचिकाओं में यथास्थिति बनाए रखने का राज्य सरकार को आदेश दिया, इसलिए नई नियमावली अधिसूचित नहीं की जानी चाहिए।

    वर्चुअल मोड में हुई बैठक में संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, प्रमंडलीय अध्यक्ष अजय कुमार, सलीम सहाय तिग्गा, राकेश कुमार सहित राज्य कमेटी के पदाधिकारी और जिलों के अध्यक्ष सचिव सम्मिलित हुए।

    विवाद की वजह:

    दरअसल, नई नियमावली में मिडिल स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के उन पदों को बांटा गया है, जिसे शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाने हैं। यह नियमावली लागू होने पर आधे पदों पर प्रोन्नति वर्ष 2016 के पूर्व में नियुक्त और कार्यरत प्रारंभिक शिक्षकों की हो सकेगी, जबकि आधे पदों पर प्रोन्नति वर्ष 2016 में कक्षा छह से आठ के लिए नियुक्त शिक्षकों की हो सकेगी। इसी को लेकर विवाद है।

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