Dhanbad Municipal Corporation : 50 टैक्स कलेक्टर को मिली बड़ी राहत, अब नई एजेंसी के साथ मिलकर करेंगे काम
धनबाद नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन अब निजी एजेंसी करेगी। स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी ने इसके लिए एजेंसी का चयन भी कर लिया है।
धनबाद, जेएनएन। Dhanbad Municipal Corporation धनबाद नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स (होल्डिंग, वाटर यूजर और ट्रेड लाइसेंस) कलेक्शन निजी एजेंसी करेगी। स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (सूडा) ने टैक्स कलेक्शन के लिए एजेंसी का चयन भी कर लिया है। इस महीने के अंत तक धनबाद में एजेंसी के आने की उम्मीद है। नगर निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन का काम अमृत रिफॉर्म्स का हिस्सा है। राज्य सरकार की ओर से अमृत के अंतर्गत रिफॉर्म्स व अन्य कार्यों के अनुश्रवण और पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी सूडा को सौंपी गई है। सरकार के इस निर्णय के बाद नगर निगम में काम कर रहे 50 टैक्स कलेक्टरों (कर संग्रहक) को अपनी नौकरी की चिंता सताने लगी थी।
वहीं, अब नगर निगम इन टैक्स कलेक्टर को बड़ी राहत देने जा रहा है। इन्हें टैक्स कलेक्शन का काम करने वाली एजेंसी के साथ कार्य पर लगाया जाएगा। जो भी एजेंसी आएगी, उन्हें भी हर वार्ड के लिए टैक्स कलेक्टर की जरूरत पड़ेगी। नगर निगम सुझाव देने जा रहा है कि एजेंसी अपने कर्मचारियों के साथ-साथ इन टैक्स कलेक्टर को भी अपने साथ समायोजित करें। धनबाद में टैक्स कलेक्शन के लिए श्री पब्लिकेशंस एजेंसी का चयन हुआ है। तीन वर्षों के लिए एग्रीमेंट होगा। अगले तीन वर्षों में धनबाद नगर निगम के तीन करोड़ से अधिक के फायदे में रहने का अनुमान लगाया गया है। यह राशि टैक्स वसूलने वाली एजेंसी द्वारा नगर निकायों को कमीशन मद में दी जाएगी। दरअसल धनबाद में लगभग 12 प्रतिशत की जगह एजेंसी का कमीशन घट कर 7.34 प्रतिशत हो गया है।
दूसरी बार कोई एजेंसी करने जा रही है टैक्स कलेक्शन का काम : धनबाद नगर निगम में 2014-17 तक रितिका प्रिंटेक ने टैक्स कलेक्शन का काम किया था। उसके बाद जून 2017 से लेकर अबतक निगम ही टैक्स वसूली करवा रहा है। वार्ड स्तर पर टैक्स कलेक्टर को रखकर टैक्स की वसूली हो रही है। निजी कंपनी आने के बाद इन टैक्स कलेक्टर की नौकरी पर संकट के बदल मंडराने लगे थे। पूर्व मेयर चंद्रशेखर शेखर अग्रवाल और पूर्व नगर आयुक्त चंद्र मोहन कश्यप के समय इन टैक्स कलेक्टर की बहाली की गई थी।
17-18 करोड़ रुपए का सलाना टैक्स वसूली : नगर निगम एक साल में 17-18 करोड़ रुपए की टैक्स वसूली करता है। निजी कंपनी रितिका भी 15-16 करोड़ रुपए की वसूली करती थी। लेकिन टैक्स वसूली के बाद रितिका 12 प्रतिशत कमीशन लेती थी। पूर्व मेयर ने इसी कमीशन का विरोध कर निजी कंपनी को धनबाद से हटवाया था। यहां बता दें कि अमृत रिफॉर्म्स के अंतर्गत शहरी सुधारों में राजस्व संग्रहण को प्राथमिकता देते हुए 90 फीसदी संग्रहण और 90 फीसदी बिलिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नौकरी से हटाना किसी समस्या का हल नहीं है। आखिर एजेंसी को टैक्स कलेक्शन के लिए टैक्स कलेक्टर की जरूरत पड़ेगी, तो पहले से काम कर रहे टैक्स कलेक्टर की मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। एजेंसी अपने तरीके से काम ले। नगर निगम एजेंसी को सुझाव देगा कि पहले से कार्य कर रहे टैक्स कलेक्टर की मदद भी लें। बाकी अपने जो कर्मचारी रखने हैं, रख सकते हैं। मानकर चलिए कि किसी भी टैक्स कलेक्टर की नौकरी नहीं जाएगी। -सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त, धनबाद।