Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इलाज के अभाव में गई सुधीर की जान; राशन नहीं रहने से दो दिन नहीं जला था घर में चूल्हा, मौत के बाद जागा प्रशासन Deoghar News

    By Sagar SinghEdited By:
    Updated: Thu, 21 May 2020 06:52 PM (IST)

    सुधीर के पेट में दो दिनों से दर्द हो रहा था। उसके इलाज के लिए पैसे का इंतजाम नहीं हो सका जिसके कारण गुरुवार को उसकी मौत हो गई। वहीं मौत के बाद प्रशासन ने मदद का वादा किया है।

    इलाज के अभाव में गई सुधीर की जान; राशन नहीं रहने से दो दिन नहीं जला था घर में चूल्हा, मौत के बाद जागा प्रशासन Deoghar News

    देवघर, जेएनएन। जिले के मोहनपुर प्रखंड के चकरमा पंचायत अंतर्गत खडियाडीह गांव निवासी सुधीर सोरेन (40) की गुरुवार को मौत हो गई। सुधीर की पत्नी जियामुनी मुर्मू ने बताया घर में अनाज नहीं रहने के कारण सोमवार व मंगलवार को घर में चूल्हा नहीं जला था। बुधवार को अनाज मिला तो खाना बना। लेकिन, अचानक पेट में दर्द होने के कारण सुधीर ने खाना नहीं खाया। वह पैसे के अभाव में इलाज कराने भी नहीं गया। जियामुनी ने बताया कि गुरुवार को दर्द अचानक काफी बढ़ गया। उनको इलाज के लिए ले जाने को पैसे का इंतजाम कर ही रहे थे कि पति की मौत हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इधर, मौत की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमा हरकत में आ गया। मोहनपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे और परिवारवालों का हाल जाना। साथ ही परिजनों को 50 किलो चावल, दाल, तेल व एक हजार नकद दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, विधवा पेंशन, पारिवारिक लाभ योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं की घोषणा भी की। यहां सवाल यह उठता है कि अगर जीते जी प्रशासन की नींद टूट जाती तो शायद सुधीर की मौत नहीं होती।

    एक मात्र कमाने वाला सदस्य था सुधीर : सुधीर के परिवार में पत्नी व तीन बेटियां हैं। एक बेटे की मौत पिछले वर्ष बीमारी के कारण हो गई। सुधीर परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरन-पोषण करता था। लेकिन लॉकडाउन के कारण काम नहीं मिलने से वह ज्यादातर समय घर पर ही रहता था। पत्नी का कहना है कि जब पति जिंदा था तो खाने के लाले पड़ रहे थे अब वह नहीं है तो उनका क्या होगा। उसे अपने से ज्यादा तीन बेटियों के भविष्य की चिंता सता रही है।

    मौत पर शुरू हो गई राजनीति : सुधीर की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। परिवार की मदद को अब तक कोई सामने तो नहीं आया है, लेकिन इसको राजनीतिक मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कोई सुधीर की मौत के लिए सरकार को तो कोई मुखिया को जिम्मेवार ठहरा रहा है। वहीं कुछ इसके लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेवार बता रहे हैं। स्थानीय भाजपा विधायक नारायण दास ने कहा कि प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी के नाम पर सिर्फ वोट लेना जानती है। सरकार उनके भले के लिए कुछ भी नहीं कर रही। उन्होंने मृतक के परिजनों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

    सुधीर की मौत बीमारी से हुई है। सुधीर के पास राशन कार्ड था। हाल ही दो माह का अनाज भी मिला था। हालांकि परिवार काफी गरीब है। इस कारण मृतक की विधवा को हर संभव सरकारी सहायता दी जाएगी। -अशोक कुमार, बीडीओ, मोहनपुर