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    NAS Exam: राष्‍ट्रीय उपलब्‍धि सर्वे परीक्षा में परखी जाएगी 168 स्कूलों के बच्चों की दक्षता

    By Atul SinghEdited By:
    Updated: Fri, 12 Nov 2021 10:47 AM (IST)

    स्कूली छात्रों के शिक्षा स्तर को जानने के लिए मानव एवं विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण महज कुछ घंटों में शुरू हो जाएगी। यह सर्वे 3 साल में एक बार होता है। 2017 के बाद यह सर्वे 2020 में होना था सर्वे नहीं हो पाया।

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    2017 के बाद यह सर्वे 2020 में होना था, नहीं हो पाया। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

    जागरण संवाददाता, धनबाद : स्कूली छात्रों के शिक्षा स्तर को जानने के लिए मानव एवं विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण महज कुछ घंटों में शुरू हो जाएगी। यह सर्वे 3 साल में एक बार होता है। 2017 के बाद यह सर्वे 2020 में होना था, लेकिन कोविड के कारण पिछले साल यह सर्वे नहीं हो पाया। अब 2021 में यह सर्वे हो रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा में कक्षा तीसरी, 5वीं, 8वीं और 10वीं के छात्र शामिल होंगे। जिले के 168 स्कूलों का चयन किया गया है। एक दिन में एक ही समय में 90 से लेकर 120 मिनट की वैकल्पिक परीक्षा होगी। इसमें प्राइवेट स्कूलों को भी शामिल किया गया है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे एक नमूना आधारित सर्वेक्षण है। जिससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए एक प्रामाणिक आंकड़ों का विस्तृत आधार उपलब्ध होता है।

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    परीक्षा में सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति जरूरी

    नेशनल अचीवमेंट सर्वे परीक्षा को लेकर सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति जरूरी है। इसकी जिम्मेवारी स्कूल के शिक्षकों को दी गई है।

    इस बार नए तरीक से हो रहा है सर्वे

    पहले सक्षम के तहत परीक्षा होती थी, लेकिन इस बार नए तरीक से यह सर्वे हो रहा है। सर्वे के तहत आंकलन परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा ली जाएगी। जिले में इस परीक्षा को लेकर माक टेस्ट भी आयोजित किए जा रहे है ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए।

     विद्यार्थी का होगा आंकलन

    राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर यह परीक्षा आयोजित हो रही है। इस सर्वे का उद्देश्य सभी प्रदेशों के सरकारी स्कूलों सहित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के सीखने के उपलब्धि स्तर का आंकलन करना है। इसके आधार पर भविष्य में स्कूलों और शिक्षकों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक नीतियां और कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर पर काफी असर पड़ा है। ऐसे में यह परीक्षा विद्यार्थियों के लिए कारगर साबित होगी। इन्हें ग्रामीण, शहरी, ग्रामीण, प्राइवेट, सरकारी आदि पैमानों पर मापा जाएगा।

     ये पूछेंगे जाएंगे प्रश्न

    एनसीआरटी की तरफ से तीन साल में एक बार राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण करवाया जाता है। शिक्षा विभाग जिले के रैंडम स्कूलों में कक्षा तीसरी और पांचवीं के विद्यार्थियों की हिंदी, गणित और ईवीएस, कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों कीं सामाजिक और विज्ञान, हिंदी और गणित तथा दसवीं के विद्यार्थियों कीं सामाजिक, विज्ञान, हिंदी, गणित तथा अंग्रेजी विषय की परीक्षा लेगा।

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