Dhanbad New: 'पूर्व PM अटल के नाम पर हो राज्य की पहली 8 लेन सड़क', मेयर चंद्रशेखर ने की सरकार से ये तीन मांग
Dhanbad News निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने राज्य की पहली आठ लेन सड़क का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर अटल मार्ग करने की मांग सरकार की। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री का देहांत हुआ। उसके ठीक आठ दिन बाद तत्कालीन झारखंड सरकार की कैबिनेट में दस योजनाओं को सर्वसम्मति से पास किया गया।

जागरण संवाददाता, धनबाद: शहर के वर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने राज्य की पहली आठ लेन सड़क का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर अटल मार्ग करने की मांग सरकार की है।
उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री का देहांत हुआ था। उसके ठीक आठ दिन बाद तत्कालीन झारखंड सरकार की कैबिनेट में दस योजनाओं को सर्वसम्मति से पास किया गया। इसमें धनबाद में बन रही राज्य की पहली आठ लेन सड़क का नाम भी अटल मार्ग करने की मुहर लग चुकी है।
अटल मार्ग के साथ ही दो अन्य मांगें भी शामिल
अब सरकार प्राथमिकता के आधार पर इस सड़क का नाम अटल मार्ग करे। निवर्तमान मेयर शनिवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अटल मार्ग के साथ ही दो अन्य मांगें भी शामिल हैं। सड़क बनने से पूर्व हमने टीम के साथ सर्वे किया था। इसमें यह पाया कि प्रतिदिन इस सड़क से 1100 से 1300 साइकिल सवार अपनी रोजी-रोटी के लिए आवगमन करते हैं।
आठ लेन सड़क में बीच का लेन हाईस्पीड और किनारे सर्विस लेन है। इसके बाद ड्रेन है। ड्रेन के बाद भी दोनों ओर सात-सात फीट जगह छोड़ी गई है। सड़क के दोनों ओर साइकिल ट्रैक बनाने का भी प्राविधान डीपीआर में किया गया है। इसे सुनिश्चित कराया जाए।
सड़क का काम लगभग पूरा
सड़क का काम लगभग पूरा हो चुका है। स्ट्रीट लाइट के लिए पोल लग चुके हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम जल्द से जल्द बिजली विभाग से संपर्क कर स्ट्रीट लाइट रोशन करें।
बिहार-झारखंड का गौरव है ये सड़क
निवर्तमान मेयर ने कहा कि यह सड़क बिहार-झारखंड का गौरव है। 20 किमी की इस सड़क पर 286 परिवार सड़क किनारे गुजर-बसर कर रहे थे। इन परिवारों के बीच सात करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया है।
भविष्य का भी रखा गया है ध्यान
इसके अलावा, 15 मंदिर और सरकारी भवन को भी एक करोड़ रुपये की राशि दी गई। 20 किमी की सड़क में प्रत्येक आधा किमी पर यूटिलिटी डक्ट दिया गया है। इसका लाभ यह होगा कि गैस पाइपलाइन, जलापूर्ति पाइपलाइन, इलेक्ट्रिक एवं अन्य सभी तरह के केबल इन्हीं में गुजरेंगे। अलग सड़क नहीं खोदनी पड़ेगी। अगले 22 वर्षों में इस सड़क पर खर्च होने वाली राशि चुकानी है।
विश्वबैंक कर रहा मदद
इन वर्षों में सड़क के दोनों ओर बढ़ी जमीन की कीमतों से ही सरकार को रजिस्ट्री के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी। यहां बता दें कि गोल बिल्डिंग से कांकोमठ तक 20 किमी की सड़क पर 417 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। विश्व बैंक की मदद से इसका निर्माण हो रहा है।
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