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    World Disability Day 2025ः एक ने सुरों से जीता मन, दूसरी ने क्रिकेट में लहराया परचम; पढ़ें-धनबाद के दो सितारों की प्रेरक कहानी

    By Mohan Kumar Gope Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:11 AM (IST)

    World Disability Day 2025ः धनबाद के हारून रशीद, जिन्होंने अपनी आवाज से सबका मन मोह लिया, और क्रिकेटर निष्ठा कुमारी, जिन्होंने क्रिकेट में अपनी प्रतिभा ...और पढ़ें

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    तीन दिसंबर को मनाया जाता है विश्व दिव्यांग दिवस।

    डा. मोहन गोप, धनबाद। World Disability Day 2025ः  वाकिफ कहां ज़माना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमान से… मशहूर शायर एफ जोगापुरी का यह शेर धनबाद के दिव्यांग लोकगायक हारून रशीद और क्रिकेटर निष्ठा कुमारी पर सटीक बैठता है। विकट परिस्थितियों के बावजूद इन दोनों युवाओं ने साबित कर दिया है कि यदि मन में लगन और आत्मविश्वास हो तो दिव्यांगता भी बाधा नहीं बनती। दोनों अपने-अपने क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहे हैं। आइए, जानें इनकी कहानी-

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    लगानी पड़ी दौड़, अब बन गए सहारा 

    पुराना बाजार स्थित टिकिया मोहल्ला के निवासी, पैरों से दिव्यांग हारून रशीद कभी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते-लगाते थक जाते थे। कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। लेकिन यहीं नहीं रुके-गायकी के क्षेत्र में कदम रखा, तो ऐसा सुर साधा कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा।

    वे ‘हमर झारखंड’ गीत के गायक के रूप में लोकगायक श्रेणी में पहचान बनाने लगे। इसके बाद उन्होंने दिव्यांगजन के लिए सक्रिय रूप से काम करना शुरू किया और कई बेसहारा लोगों को हिम्मत देकर आगे बढ़ने में मदद की।

    आज हारून रशीद झारखंड राज्य निशक्तता आयोग के सदस्य हैं। वे बताते हैं-एक समय था जब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, आज सदस्य बनने के बाद सेवा का अवसर मिला है। अब कई लोगों को जोड़कर उनकी मदद कर रहा हूं।

    एक हाथ से  क्रिकेट में लहरा रही परचम

    कार्मिक नगर की निष्ठा कुमारी ने यह साबित किया है कि हौसला हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। दिल्ली पब्लिक स्कूल, धनबाद की छात्रा निष्ठा के पास केवल एक हाथ है, फिर भी वे अंडर-16 क्रिकेट खेल चुकी हैं और अब राष्ट्रीय टीम के लिए तैयारी कर रही हैं।

    वे बताती हैं-पहले तो बहुत लगता था कि काश सब ठीक होता, फिर लगा कि यही भगवान की मर्जी है। तब सोचा-कुछ कर दिखाना है। पहले वे बैडमिंटन खेलती थीं, लेकिन बाद में रुझान क्रिकेट की ओर हुआ।

    प्रशिक्षकों तथा साथियों के सहयोग से उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी से क्रिकेट जगत में पहचान बनानी शुरू की। निष्ठा ईस्ट ज़ोन क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और आज कई लोगों की प्रेरणा बन चुकी हैं।