बैंक ऑडिट क्या है? इसे समझना कितना जरूरी है, जिसको लेकर एक दिवसीय सेमिनार कल Dhanbad News
बैंक ऑडिट सिस्टम को समझना बेहद जरूरी है। सीए अमूमन ऑडिटिंग के दौरान कई बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है हम जो ऑडिट कर रहें हैं वहां हर पहलू को सही तरीके से दर्ज करें।
धनबाद, जेएनएन : बैंक ऑडिट सिस्टम को समझना बेहद जरूरी है। सीए अमूमन ऑडिटिंग के दौरान कई बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है, हम जो ऑडिट कर रहें हैं, वहां हर पहलू को सही तरीके से दर्ज करें। बैंक ऑडिट, इसमें परेशानी, इसको करने के तरीके, इन तमाम चीजों को लेकर द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) धनबाद ब्रांच की ओर से मंगलवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसका विषय बैंक ऑडिट रखा गया है। आइसीएआइ धनबाद ब्रांच चेयरमैन सीए प्रतीक गनेरीवाला ने बताया कि होटल क्रिस्टल इंटरनेशनल जोड़ाफाटक रोड में होने वाला इस आयोजन का पहला सत्र सुबह 10 बजे से एक बजे तक चलेगा। इसका दूसरा सत्र दोपहर दो से शाम पांच बजे तक होगा। इसमें सीआइआरसी के वाइस चेयरमैन सीए अतुल अग्रवाल ऑडिट ऑफ़ लोन एडवांस विषय पर अपने विचार रखेंगे। दूसरे सत्र में मयूर अग्रवाल सीबीएस इन्वायरमेंट की चर्चा करेंगे।
ऑडिट में काम का बंटवारा सही तरीके से करना जरूरी
प्रतीक गनेरीवाला बताते हैं कि ऑडिट के दौरान अपने काम का बंटवारा सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। प्रोफेशनल को अपने स्कोप की लिमिट पता होनी चाहिए। साथ ही उसे दस्तावेजों में दर्ज करना भी जरूरी है, जिससे कि भविष्य में समस्याओं का सामना ना करना पड़े। बैंक ऑडिट के समय प्रोफेशनल को आरबीआइ की तरफ से दी गई गाइडलाइंस को ध्यान से पढ़ें और उसी के अनुसार काम करें। यदि कोई प्रोफेशनल दूसरे क्षेत्र में काम करना चाहता है, तो वह अपने हिसाब से उसमें जोड़ घटा सकता है।
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