धनबाद के सत्यप्रकाश की भोजपुरी कमेंट्री पर फिदा हुए क्रिकेट प्रेमी, धोनी के 'सत्तू दा' की सभी कर रहे तारीफ
इस बार के आईपीएल में भोजपुरी का जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। भोजपुरी कमेंट्री के लिए जिन पांच कमेंटेटर को चुना गया है उनमें से एक धनबाद के सत्यप्रकाश कृष्णा भी हैं। उनका धोनी से काफी लगाव है।

आशीष सिंह, धनबाद। मैच के ई पहिला गेंद ह, गेंदबाज फुल लेंथ के गेंद फेंकले बाड़े। जवन बैट्समैन के कंधा तक आइल। बैट्समैन चकरा गइले। एक बार फेर से गेंदबाज रनअप पर बाड़े। ए बार उ यारकर करे के कोशिश कइले ह, लेकिन इ का, बैट्समैन त इ बाल के हाफवाली पर ले के मिड आन के उपर से छक्का लगा देहले। दर्शक खुशी से हंगामा कर रहल बाड़े...।
पांच कमेंटेटर में से एक हैं धनबाद के सत्यप्रकाश
ये गंवई क्रिकेट की कमेंट्री नहीं, बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग मौजूदा सत्र में कमेंट्री को नए अंदाज के साथ भोजपुरी में पेश किया जा रहा है। भोजपुरी में कमेंट्री का यह अंदाज खेल प्रेमियों को खूब मजा दे रहा है। आइपीएल की भोजपुरी में कमेंट्री केवल भोजपुरी भाषियों को ही नहीं, बल्कि अन्य भाषा-भाषियों को भी लुभा रही है। भोजपुरी कमेंट्री के लिए जिन पांच कमेंटेटर को चयनित किया गया, उनमें से एक झारखंड के धनबाद के सत्यप्रकाश कृष्णा भी हैं।
भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन के साथ मिलकर कर रहे कमेंट्री
सत्यप्रकाश रणजी खिलाड़ी तो रहे ही हैं, भोजपुरी इनकी मातृभाषा है। सो इस खेल के हर लम्हे को भोजपुरी की मिठास के साथ परोसने का उनका अंदाज पसंद किया जा रहा। सोने पर सुहागा यह भी है कि सत्यप्रकाश भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन के साथ मिलकर कमेंट्री कर रहे। दरअसल, आइपीएल में पहली बार भोजपुरी में कमेंट्री हो रही है। सत्यप्रकाश ने गुजरात और चेन्नई के पहले मैच से इस कमेंट्री की शुरुआत की।
आईपीएल में दिख रहा भोजपुरी का जबरदस्त क्रेज
बिहार के बक्सर के केसठ गांव के मूल निवासी सत्यप्रकाश ने बताया कि वह शब्दों में नहीं बयां नहीं कर सकते कि कमेंट्री करने में उन्हें कितना आनंद आ रहा। गर्व इस बात का भी कि भोजपुरी को वैश्विक फलक पर पहुंचाने में वह अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस भाषा में कमेंट्री का खेल प्रेमी भी शिद्दत से मजा ले रहे हैं। भोजपुरी का क्रेज ही ऐसा है, देखते जाइए आगे मजा दोगुना होने वाला है।
बड़ा नीक लागल
भोजपुरी के साथ ही आइपीएल मैचों की कमेंट्री 12 भाषाओं में सुनी जा सकती है। यह अंग्रेजी, हिंदी, भोजपुरी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, उड़िया, बंगाली, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में की जा रही है। ऋत्विक बिहार के मूल रूप से रहने वाले हैं। धनबाद में अब स्वजन के साथ रहते हैं। उनको आइपीएल पसंद है। भोजपुरी में वे कहते हैं, भोजपुरी में कमेंट्री बड़ा नीक लागता। एसे ई भाषा के विकास में मदद मिली।
सत्तू दा की मदद से माही को मिली थी रेलवे में नौकरी
भारत के सफलतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी उर्फ माही का सत्यप्रकाश से गहरा जुड़ाव है। माही ने संघर्ष के दिन सत्यप्रकाश के साथ बिताए हैं। उस समय धोनी के पिता पान सिंह तोमर रिटायर हो चुके थे। लाख कोशिशों के बावजूद धोनी का चयन नहीं हो रहा था। दिलीप ट्राफी में मौका मिला, लेकिन समय पर जानकारी न मिलने से हाथ से चला गया।
तब खड़गपुर में स्पोर्ट्स कोटे में रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी की। इस नौकरी के लिए सत्यप्रकाश ने ही रेल प्रबंधन को माही का नाम सुझाया था। यह बात 2001 से 2004 की है। सत्यप्रकाश भी रेलवे में नौकरी करते हैं। माही उनके ही कमरे में साथ रहते थे। आज भी माही उनको सत्तू दा कहकर बड़े भाई की तरह सम्मान देते हैं।
धोनी पर बनी फिल्म में दिखा है सत्तू दा का किरदार
महेंद्र सिंह धोनी पर बनी बायोपिक में सत्यप्रकाश कृष्णा का किरदार बड़े पर्दे पर भी दिखा है। उन्होंने ही धोनी को टीसी की नौकरी के लिए खड़गपुर बुलाया। इसे फिल्म में दिखाया गया है। अब सत्यप्रकाश कृष्णा आइपीएल की वजह से टीवी पर दिख रहे हैं।
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