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    संजीव कुमार बने झारखंड के PCCF, ‘वृक्ष रक्षाबंधन’ से राज्य में बनाई है अगल पहचान

    By Rakesh Kumar Mahato Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 10:29 AM (IST)

    संजीव कुमार झारखंड के नए पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) बने हैं। वे पहले धनबाद के DFO (Divisional Forest Officer) रह चुके हैं। संजी ...और पढ़ें

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    झारखंड के नए पीसीसीएफ संजीव कुमार।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड सरकार ने भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के 1992 बैच के वरिष्ठ अधिकारी संजीव कुमार को राज्य का नया प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख (PCCF–HoFF) नियुक्त किया है। अशोक कुमार के 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त था। सरकार ने अनुभव और वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए संजीव कुमार को वन विभाग के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी है। वर्तमान में वे पीसीसीएफ, बंजर भूमि विकास प्राधिकार के पद पर कार्यरत हैं और वन प्रबंधन के क्षेत्र में उनका लंबा व समृद्ध अनुभव रहा है।

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    संजीव कुमार न अपने सेवाकाल की शुरुआत बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से की। इसके बाद वे गुमला, जमुई, रांची, धनबाद और जमशेदपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों में वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) के रूप में कार्यरत रहे। सिंहभूम क्षेत्र के चाईबासा में उन्होंने वन संरक्षक के पद पर भी अपनी सेवाएं दीं।

    हजारीबाग में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने वनों के संरक्षण के साथ-साथ जनभागीदारी को विशेष महत्व दिया। इसके अलावा वे कैम्पा (CAMPA) और झारखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर भी कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल की विशेषता रही वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से वनों की रक्षा और ग्रामीण विकास को एक साथ आगे बढ़ाना।

    संजीव कुमार का मानना रहा है कि जब तक स्थानीय समुदाय को वनों से प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिलेगा, तब तक संरक्षण संभव नहीं है। इसी सोच के तहत उन्होंने झारखंड के 1500 से अधिक गांवों में ‘वृक्ष रक्षाबंधन’ कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके तहत ग्रामीणों को पेड़ों से भावनात्मक रूप से जोड़ा गया। 

    लाह और तसर की खेती को बढ़ावा देकर उन्होंने हजारों ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा। इस क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्य सरकार और विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें कई बार सम्मानित किया गया। संजीव कुमार ने देश-विदेश के विभिन्न सम्मेलनों में 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत कर वन संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।