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    अक्षय कुमार की 'मिशन रानीगंज' में नजर आएंगे धनबाद के संजय, जानिए तीन बार क्यों बदला गया फिल्म का नाम

    Sanjay Bhardwaj धनबाद के संजय भारद्वाज मिशन रानीगंज-द ग्रेट भारत रेस्क्यू फिल्म में विलेन के रोल में नजर आएंगे। फिल्म छह अक्टूबर को रिलीज होगी। फिल्म में अक्षय कुमार जसवंत सिंह का किरदार निभाएंगे। जसवंत सिंह गिल को भारत सरकार ने 1991 में सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया था। 2019 में जसवंत सिंह गिल का निधन हुआ था।

    By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 09 Sep 2023 09:44 AM (IST)
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    अक्षय कुमार की 'मिशन रानीगंज' में नजर आएंगे धनबाद के संजय, जानिए तीन बार क्यों बदला गया फिल्म का नाम

    जागरण संवाददाता, धनबाद / पुटकी : बीसीसीएल के पुटकी बलिहारी एरिया के भूसंपदा विभाग में कार्यरत संजय भारद्वाज निर्देशक टीनू सुरेश देसाई की फिल्म मिशन रानीगंज-द ग्रेट भारत रेस्क्यू में विलेन की भूमिका में नजर आएंगे।

    संजय फिल्म में एक बड़े कांट्रेक्टर एलबी उपाध्याय का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म छह अक्टूबर को रिलीज होने वाली है। इसमें बालीवुड अभिनेता अक्षय कुमार माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल की भूमिका में हैं।

    गिल ने 1989 में रानीगंज के महावीर कोलियरी में 64 लोगों को बचाने का काम किया था। फिल्म में अक्षय कुमार जसवंत सिंह का किरदार निभाते नजर आएंगे।

    कई बार बदला फिल्म का नाम

    फिल्म का नाम सबसे पहले कैप्सूल गिल रखा गया था। बाद में नाम बदलकर द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू रखा गया। अब इंडिया-भारत के विवाद के बाद फिल्म का नाम एक बार फिर बदला गया है। अब फिल्म मिशन रानीगंज-द ग्रेट भारत रेस्क्यू नाम से रिलीज होने जा रही है।

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    35 वर्षों से स्टेज शो कर रहे संजय

    संजय भारद्वाज ने अपने अभिनय के दम पर धनबाद से बॉलीवुड तक का सफर तय किया है। पिछले 35 वर्षों से स्टेज शो करते आ रहे हैं। भारत के 15 राज्यों में थिएटर एवं नुक्कड़ नाटक कर चुके हैं।

    भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, अभिनेता, सह अभिनेता और नाट्य लेखन के लिए पुरस्कार भी मिल चुके हैं। पांच वर्ष पहले मिशन रानीगंज की पटकथा लिखने के समय स्वर्गीय जसवंत सिंह गिल, फिल्म के लेखक दीपक किंगरानी और निर्देशक टीनू सुरेश देसाई पुटकी आए थे।

    भारद्वाज ने फिल्म के डायलॉग को स्थानीय भाषा में अनुवाद करने का भी काम किया है। फिल्म में पुटकी और धनबाद के आसपास के लगभग 50 कलाकर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।

    IIT के छात्र रह चुके हैं जसवंत गिल

    जसवंत सिंह गिल आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के 1965 बैच के छात्र थे। भारत सरकार ने 1991 में उन्हें सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया था।

    1998 में वह अपनी नौकरी पूरी करने के बाद बीसीसीएल धनबाद से ईडी सेफ्टी एंड रेस्क्यू पद से रिटायर हुए। पिछले वर्ष ही पंजाब के अमृतसर के एक चौक का नामकरण जसवंत गिल के नाम पर हुआ है।

    आइआइटी (आइएसएम) भी जसवंत सिंह गिल के नाम से इंडस्ट्रियल सेफ्टी अवॉर्ड देने की घोषणा कर चुका है। बीसीसीएल धनबाद के रेस्क्यू स्टेशन से वह सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के बाद वह अपने परिवार के साथ पंजाब के अमृतसर शिफ्ट हो गए थे। यहीं 2019 में उनका निधन हुआ था।