सैलरी सुविधा और इंसेंटिव... सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने सिविल सर्जन ऑफिस का किया घेराव
धनबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान अफसरों ने विभाग और पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। सीएचओ इसके बाद सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को एक ज्ञापन सौंपकर मांग जल्द पूरी करने की अपील की।

धनबाद, जागरण संवाददाता: स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत काम कर रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने विभाग और पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। सीएचओ इसके बाद सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को एक ज्ञापन सौंपकर मांग जल्द पूरी करने की अपील की।
धनबाद में नहीं मिल रही कोई सुविधा
अजीत कुमार ने बताया कि धनबाद में लगभग 54 सीएचओ कार्यरत हैं। धनबाद के कार्यरत इन सीएचओ को समय पर वेतन के अलावा इंसेंटिव भी नहीं मिल पा रहा है जबकि, दूसरे जिलों में सभी को इंसेंटिव समेत अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। मांगों को लेकर कई बार सिविल सर्जन से अपील की गई लेकिन मांगे पूरी नहीं हो रही हैं। इस बार मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आगे आंदोलन किया जाएगा।
नहीं मिलती किसी भी प्रकार की सुविधा
धरना दे रहे लोगों का कहना है कि सरकार या विभाग की तरफ से किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर सिविल सर्जन ने बताया कि कई मामले राज्य स्तर से जुड़ी हुई हैं। इसके लिए मुख्यालय से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया इंसेंटिव का हकदार केवल वही है जिन्होंने पूरे महीने काम किया है।और जिनका परिणाम बेहतर है।
3 वर्ष के ब्रिज कोर्स करके बनाया गया है सीएचओ
झारखंड में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य अफसर पद बहाल किए गए हैं। इंटर पास युवा और युवतियों को सरकार की ओर से 3 साल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद इन्हें सीएचओ की डिग्री प्रदान की जा रही है।
पास होने के बाद इन्हें सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में रखा जा रहा है। वेतन के अलावा इंसेंटिव मिलाकर इन्हें हर महीने लगभग 40 हजार दिए जा रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।