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    न्याय, स्वतंत्रता व समानता का अधिकार हमारे संविधान की खासियत

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 27 Nov 2020 04:06 AM (IST)

    संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावना पठन का सीधा प्रसारण बीसीसीएल की ओर से किया गया। कोयला नगर में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में तमाम अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से शामिल हुए।

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    न्याय, स्वतंत्रता व समानता का अधिकार हमारे संविधान की खासियत

    जेएनएन, धनबाद : संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावना पठन का सीधा प्रसारण बीसीसीएल की ओर से किया गया। कोयला नगर में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में तमाम अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से शामिल हुए। प्रस्तावना पठन के बाद कार्यक्रम में बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह ने संविधान में दिए गए न्याय, स्वतंत्रता व समानता के अधिकारों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कोयला उत्पादन, डिस्पैच व उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसमें नवीन तकनीकों व उपकरणों का अधिकतम उपयोग करने को भी कहा। इस दौरान तकनीकी निदेशक योजना एवं परियोजना चंचल गोस्वामी, कार्मिक निदेशक पीवीकेआरएम राव, मुख्य सतर्कता पदाधिकारी कुमार अनिमेष भी मौजूद थे। महिला सशक्तीकरण से संबंधित संवैधानिक प्रावधान विषय पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजित किया गया। इसमें बीसीसीएल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने भाग लिया। विविधता वाले भारत में चुनौती है प्रजातंत्र शासन : प्रो. शेखर

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    भारत एक विशाल देश है। यहां विभिन्न धर्मों, जातियों और भाषाओं की अधिकता है। ऐसे विविधताओं वाले देश में प्रजातंत्र शासन एक चुनौती है। फिर भी यहां के शासन को चलाने के लिए अंगीकृत संविधान यहां के नागरिकों का समान अधिकार देती है। इसके अलावा संविधान का अक्षरस: अनुकरण एवं पालन भी इसके संचालन को सुव्यवस्थित करती है। यह बातें गुरुनानक कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पी शेखर ने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सभी को संविधान का सम्मान करना चाहिए। भारतीय संविधान ही पूरे देश को एक सूत्र में पिरोता है।

    एनएसएस की ओर से कॉलेज के भूदा परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रभारी डॉ. संजय प्रसाद संविधान सम्मान दिवस के पृष्ठभूमि एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी शामिल हुए। एनएसएस पदाधिकारी डॉ. मीना मालखंडी ने संविधान के प्रस्तावना को पढ़ा और विद्यार्थियों ने शपथ के रूप में इसे दोहराया। उन्होंने संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों का एवं कर्तव्यों के विषय में विस्तार से विद्यार्थियों को बताया। मौके पर प्रो. दिपक कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस यूनिट एक प्रो. दलजीत सिंह, इंद्रदेव सिंह, सरबजीत सिंह, इम्तिआ•ा अहमद, रंजीत मिश्रा समेत अन्य उपस्थित थे।