Move to Jagran APP

Reserve Bank of India ने 1938 में जॉर्ज छठे की फोटो के साथ जारी किया था पहला 1000 रुपये का नोट

आज भी लोग डीमोनेटाइजेशन के दौरान बंद हुए 1000 के नोटों की बात करते हैं। हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। आज भले ही 1000 रुपये का नोट (कागजी मुद्रा) प्रचलन में न हो लेकिन ये प्रचलन के प्रारम्भ से ही अस्तित्व में रहा है।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 10:36 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:36 AM (IST)
Reserve Bank of India ने 1938 में जॉर्ज छठे की फोटो के साथ जारी किया था पहला 1000 रुपये का नोट
आज भी लोग डीमोनेटाइजेशन के दौरान बंद हुए 1000 के नोटों की बात करते हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: एक हजार का नोट बंद हो चुका है, लेकिन इसकी चर्चाएं जरूर होती है। आज भी लोग डीमोनेटाइजेशन के दौरान बंद हुए 1000 के नोटों की बात करते हैं। हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। आज भले ही 1000 रुपये का नोट (कागजी मुद्रा) प्रचलन में न हो, लेकिन ये 1000 रुपये का नोट कागजी मुद्रा के प्रचलन के प्रारम्भ से ही अस्तित्व में रहा है।

loksabha election banner

यानी 1800 के आसपास जब प्राइवेट बैंकों की ओर से नोटों की छपाई शुरू हुई, तब से यह प्रचलन में आया। कागजी मुद्रा की श्रृंखला में ये सबसे प्रतिष्ठित समझे जाते थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में जॉर्ज छठे की फोटो के साथ पहला 1000 रुपये का नोट जारी किया। जिसे 1946 में बन्द कर (डीमोनेटाइजेशन) दिया गया। इनके बाद आजाद भारत में 1954 में इसकी शुरुआत की गई।

जिसे 1978 में बन्द (डीमोनेटाइजेशन) कर दिया गया। दोबारा वर्ष 2000 में 1000 रुपये का नोट जारी किया गया। जिसे 2016 में बन्द (डीमोनेटाइजेशन) कर दिया गया। कुसुम विहार के अमरेंद्र आनंद के टकसाल में ऐसे नोटों और सिक्कों की ढेरों श्रृंखला है जो आपको अचंभित करने के लिए काफी है। डीमोनेटाइजेशन के पहले 1000 रुपये के कई नोटों का संकलन भी अमरेंद्र आनंद के पास है। अमरेंद्र आनंद ने यह जानकारी साझा की है। अमरेंद्र बताते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 1936 में जारी जॉर्ज छठे की फोटो वाले से लेकर 2016 में जब 1000 के नोटो का प्रचलन बंद कर दिया गया का संकलन उनके पास है। उनके संग्रह में गवर्नर एचवीआर लेंगर (1957-1962) को छोड़कर सभी 1000 रुपये के नोट हैं। अमरेंद्र के व्यक्तिगत संग्रह से इन तीनों प्रकार के नोटों की झलक कई प्रदर्शनियों में दिखाई जा चुकी है। अमरेंद्र को सिक्कों और नोटों के संकलन का शौक है। यह काम पिछले 30 वर्षों से करते आ रहे हैं। यही कारण है कि अमरेंद्र के पास इस समय प्राचीन और आधुनिक सिक्कों का लगभग 5000 से ऊपर संकलन है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.