Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ठंड में हादसों को रोकने के लिए तकनीक की मदद लेगी रेलवे... चालक खुद तय करेंगे कितनी रखनी है ट्रेन की गति

    By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar Pandey
    Updated: Sat, 12 Nov 2022 01:46 PM (IST)

    कोहरे की धुंध छाने से ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उत्तर भारत की ट्रेनें कोहरे की वजह से हर दिन लेट आ रही हैं। घने कोहरे के दौरान ट्रेनों को सुरक्षित दौड़ाने के लिए अब फाॅग सेफ डिवाइस की मदद ली जाएगी।

    Hero Image
    इसके बावजूद चालकों को स्वविवेक से ट्रेन चलाना होगा।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: हल्की सर्दी के साथ ही कोहरे ने दस्तक दे दी है। कोहरे की धुंध छाने से ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उत्तर भारत की ट्रेनें कोहरे की वजह से हर दिन लेट आ रही हैं। घने कोहरे के दौरान ट्रेनों को सुरक्षित दौड़ाने के लिए अब फाॅग सेफ डिवाइस की मदद ली जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीपीएस आधारित उपकरण के लग जाने से अब इंजन के अंदर ही चालक को सिग्नल की सारी खबर मिलती रहेगी। ट्रैक में क्रैक होने, रेल फाटक या रेलवे स्टेशन के नजदीक होने की जानकारी भी इस उपकरण से आसानी से मिल सकेगी। धनबाद रेल मंडल को 739 फाॅग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं। यहां से चलने वाली यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों में फाॅग सेफ डिवाइस लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस उपकरण के लग जाने से कोहरे के दौरान भी रेल यात्रा पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी।

    हालांकि इसके बावजूद चालकों को स्वविवेक से ट्रेन चलाना होगा। घने कोहरे के दौरान आपात परिस्थितियों से निबटने और ट्रेन को नियंत्रित रखने के लिए 75 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से यात्री ट्रेनें नहीं चलेंगी। इतना ही नहीं, जिन ट्रेनों में फाॅग सेफ डिवाइस नहीं लगे होंगे या तकनीकी कारणों से काम नहीं कर रहे हों तो ट्रेनों की अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटे निर्धारित होंगी। ऐसी परिस्थिति में चालक खुद रफ्तार नियंत्रण का निर्णय ले सकेंगे।

    जीपीएस आधारित उपकरण है फाॅग सेफ डिवाइस

    इंजन में लगने वाला उपकरण फाॅग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित है। इससे रेल चालक को आगे आनेवाले सिग्‍नल की चेतावनी पहले ही मिल जाएगी। सिग्‍नल की दूरी के अनुसार चालक ट्रेन की गति नियंत्रित कर सकता है। सिग्‍नल के साथ साथ ट्रैक पर भी किसी तरह के गतिरोध होने पर इसकी सूचना चालक को तुरंत मिल जाएगी। इसमें लगा ऑडियो-वीडियो सिस्टम चालक को ट्रेन खुलते ही अगले स्टेशन के बारे में बता देगा। रेलवे फाटक होने या स्टेशन आने की जानकारी भी चालक को इंजन के अंदर ही मिलेगी। सिग्‍नल नजदीक आने पर इसमें लगी लाइट के जलने-बुझने से चालक को सिग्‍नल की सूचना मिल जाएगी।