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    मुरादाबाद जा रहे 500 खरगोशों के सफर पर धनबाद में ब्रेक, एक्टिविस्ट भड़के, वन विभाग ने खड़े किए हाथ

    By Tapas Banerjee Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 11:09 PM (IST)

    Indian Railway Parcel: धनबाद रेलवे पार्सल कार्यालय में लगभग 500 खरगोशों को जालियों में बंद करके लाए जाने पर हंगामा हुआ। एनिमल एक्टिविस्ट्स ने रेलवे पर पशु क्रूरता का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल से आए एक कर्मचारी की तबीयत बिगड़ने के बाद खरगोशों को पार्सल में छोड़ दिया गया था, जिससे कुछ खरगोशों की मौत हो गई। खरगोशों को मुरादाबाद भेजा जाना था, लेकिन नियमों के चलते रोक दिया गया। मामले की जांच जारी है।

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    जागरण संवाददाता, धनबाद। पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेलवे पार्सल कार्यालय रविवार को उस समय हंगामे का केंद्र बन गया, जब जालियों में बंद करीब 500 खरगोश बिना देखभाल के पड़े मिले। कई खरगोशों की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद स्थानीय एनिमल एक्टिविस्ट ने पहुंचकर रेलवे पर गंभीर लापरवाही और पशु क्रूरता का आरोप लगाया। 

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    Railway Parcel office Dhanbad

    कर्मचारी की तबीयत बिगड़ी, खरगोश छोड़कर चला गया

    जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित शाहा इंटरप्राइजेज का एक कर्मचारी इन खरगोशों को लेकर धनबाद पहुंचा था। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह सभी जालियां पार्सल कार्यालय में ही छोड़कर चला गया। लंबे समय तक भोजन और पानी न मिलने से कई खरगोशों की मौत हो गई और बाकी की हालत भी नाजुक हो गई।

    एक्टिविस्ट का आरोप: क्षमता से ज्यादा खरगोश ठूंसे गए

    एनिमल एक्टिविस्ट शौमिक बनर्जी ने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जाली में तय संख्या में खरगोश रखने का नियम है, लेकिन हर जाली में क्षमता से कई गुना अधिक खरगोश भरे गए थे। उन्होंने रेलवे से इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की। सूचना मिलने पर रेल पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।

    पार्सल सुपरवाइजर ने नियमों का हवाला देकर रोक दी शिपमेंट

    बताया गया कि इन खरगोशों को मुरादाबाद भेजने की तैयारी थी, लेकिन पार्सल सुपरवाइजर ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए शिपमेंट रोक दी। सुपरवाइजर के अनुसार, एक जाली में अधिकतम दो खरगोश ही भेजे जा सकते हैं।

    वन विभाग ने की जाली का माप

    घटना के बाद वन विभाग की टीम ने जालियों की माप ली। वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास पालीवाल ने बताया कि यह मामला वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत नहीं आता, इसलिए विभाग केवल औपचारिक जांच कर रहा है।

    रेल पुलिस कर रही है जांच

    रेल थाना प्रभारी पंकज दास ने कहा कि अब तक इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
    उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जा रही है और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।