Dhanbad Crime: वासेपुर के जमीन कारोबारी का सिर में गोली मारकर मर्डर, बाइक से आए थे 3 बदमाश
Dhanbad Crime धनबाद में जमीन कारोबारी शहाबुद्दीन सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नावाडीह स्थित असर्फी अस्पताल के सामने सड़क के दूसरे छोर पर बाइक सवार तीन हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मारी। पुलिस को वासेपुर के फरार गैंगस्टर प्रिंस खान पर शक है। बता दें कि प्रिंस खान ने कुछ साल पहले शहाबुद्दीन से रंगदारी मांगी थी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। चर्चित वासेपुर के पास पांडरपाला के न्यू इस्लामपुर में रहनेवाले जमीन कारोबारी शहाबुद्दीन सिद्दीकी की मंगलवार की दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। नावाडीह में असर्फी अस्पताल के सामने बाइक सवार तीन हमलावारों ने उनके सिर में गोली मार दी।
जख्मी हालत में उन्हें असर्फी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने शहाबुद्दीन को मृत घोषित कर दिया। हमलावरों की पहचान नहीं हुई है। पुलिस को हत्या के पीछे वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान पर शक है। इसी बिंदु पर छानबीन कर रही है।
दरअसल, शहाबुद्दीन से प्रिंस खान ने वर्ष 2021 में रंगदारी मांगी थी। तब उसने भूली ओपी में शिकायत की थी। इसी कारण पुलिस को प्रिंस पर शक है। दोपहर करीब डेढ़ बजे शहाबुद्दीन घर से कार्यालय जा रहे थे। असर्फी अस्पताल के सामने शान मार्केट में उनका आफिस है।
कार्यालय के सामने स्विफ्ट कार से उतरे। तभी विपरीत दिशा से बाइक पर सवार तीनों अपराधी पहुंचे। सबसे पीछे बैठे युवक ने काले रंग की हाफ टी-शर्ट पहन रखी थी। उसने शहाबुद्दीन के सिर में सटाकर गोली चला दी।
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह खबर तुरंत फैल गई। असर्फी अस्पताल में पांडरपाला और वासेपुर के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनमें काफी आक्रोश था। सभी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे। उनका कहना था कि पास में बिरसा मुंडा पार्क है, यहां असर्फी अस्पताल है, उसके बाद भी ऐसी घटना हो गई।
घटनास्थल से थोड़ी दूर मिली लावारिस बाइक
पुलिस ने घटनास्थल से कुछ दूर कसियाटांड़ मोड़ के पास नीले रंग की अपाची बाइक बरामद की है। पुलिस को उम्मीद है कि इसी बाइक से अपराधी भागे थे। पकड़े जाने के डर से बाइक छोड़ गए।
धमकी मिलने पर शहाबुद्दीन को मिला था बाडीगार्ड
शहाबुद्दीन 15 वर्षों से जमीन का कारोबार कर रहे थे। शुरुआत में उन्हें वासेपुर गैंग्स के लोगों का समर्थन था। उनका पांडरपाला में इस्लामिया स्कूल भी है। कुछ माह पूर्व उन्हें धमकी मिली थी। उन्होंने एसपी से इसकी शिकायत की तो पुलिस की ओर से बाडीगार्ड मिला था। जब मामला शांत हो गया तो बाडीगार्ड हटा लिया गया था।