डूब गए चार करोड़, राजा तालाब बना रहा रंक
धनबाद इससे बड़ी विडंबना भला क्या हो सकती है कि हम अपनी विरासत संभाल नहीं पा रहे हैं। सं

धनबाद : इससे बड़ी विडंबना भला क्या हो सकती है कि हम अपनी विरासत संभाल नहीं पा रहे हैं। संभालना तो छोड़िए जो बचा हुआ है, उसे भी धीरे-धीरे खत्म करते जा रहे हैं। जिन्हें सहेजने की जिम्मेवारी मिली है वो भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। हम बात कर रहे हैं झरिया के ऐतिहासिक राजा तालाब की। सफाई और सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने की बात कही जा रही है, लेकिन आज भी इसकी स्थिति जस की तस है। अलबत्ता दुर्गा पूजा और छठ पर्व के नाम पर तालाब की सफाई जरूर हो जाती है। इसके बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है। पिछले एक दशक में इसके सौंदर्यीकरण के लिए चार करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। पिछले वर्ष सात करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था, इसका भी कोई हिसाब-किताब नहीं है। इतने वर्षों में मंत्री से लेकर मेयर, विधायक, कई डीसी, डीडीसी और नगर आयुक्त तक दौरा कर चुके हैं। इसके बावजूद राजा तालाब आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
कई बार हो चुके हैं करोड़ों खर्च
झरिया राज परिवार के इस ऐतिहासिक राजा तालाब में वर्तमान में कीचड़ और झरिया की विभिन्न नालियों का गंदा पानी जमा है। नगर निगम से पहले जिला परिषद ने इस तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर विभिन्न चरणों में करोड़ों रुपये खर्च किए। भले इस तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर कई अफसर और सफेदपोश राजा बन गए, लेकिन तालाब वहीं का वहीं है। 2014 में साढ़े तीन करोड़ की लागत से तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर काम शुरू हुआ। कहा गया था कि तालाब का पानी निकाल कर उसके कीचड़ को साफ किया जाएगा। साथ ही तालाब के चारों ओर लाइट लगाई लगेगी। फिर से घाटों का निर्माण होगा। कुछ दिन जब तक गर्मी रही काम योजना के अनुरूप चला, लेकिन जैसे ही बरसात शुरू हुई तालाब भर गया। इसके बाद सारी योजनाएं धरी रह गई। करोड़ों रुपये का खर्च सिर्फ कागज पर दिखाकर बिल बन गया। तालाब की नारकीय स्थिति पूर्ववत बनी रही। गर्मी में जब तालाब सूख जाता है तो लाखों करोड़ों के टेंडर से तालाब की मिट्टी और गाद निकालने के नाम पर काम होता रहा है। कुछ दिन जेसीबी मशीन और दर्जनों मजदूर लगाकर मिट्टी की खुदाई का काम चलता है। बरसात के साथ ही तालाब में फिर से झरिया शहर की नालियों का गंदा पानी भर जाता है। छठ पूजा के समय तालाब की जलकुंभी और घाटों की सफाई के लिए निविदा निकाली जाती है। आलम हर बार ऐसा रहता है। तालाब के कायाकल्प का सपना हर बार झरियावासियों को दिखाया जाता है, लेकिन हर बार यह तालाब सिर्फ ठेकेदारों की जेब गर्म करने तक ही सीमित है।
बोले अधिकारी
झरिया राजा तालाब का सौंदर्यीकरण निगम कराएगा। अभी तो सफाई की गई है। छठ पूजा बाद यहां पक्का घाट का निर्माण होगा और चारों ओर लाइट भी लगाई जाएगी। तालाब में दोबारा जलकुंभी और गंदगी न हो, इसके लिए इसकी बंदोबस्ती की जाएगी। यहां मछली पालन होगा। तालाब के आसपास अतिक्रमण है, यह दूर हट जाए तो राजा तालाब को भी राजेंद्र सरोवर बेकारबांध की तरह बना देंगे।
- सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त

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