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    Dhanbad News: दुबई में बैठा बदमाश प्रिंस खान और उसके गुर्गों की संपत्ति होगी जब्त, आयकर विभाग जुटा रहा जानकारी

    By Neeraj DubeyEdited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 10:10 PM (IST)

    धनबाद में प्रिंस खान गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। आयकर विभाग भी अवैध संपत्ति और रंगदारी के स्रोतों का पता लगाने में जुटा है। पुलिस को 100 सहयोगियों की सूची मिली है, जिनमें कई व्यवसायी शामिल हैं। जांच में डिजिटल लेनदेन और दुबई से नेटवर्क संचालन का खुलासा हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने आर्थिक नेटवर्क को तोड़ने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है।

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    वासेपुर का बदमाश प्रिंस खान। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, धनबाद। दुबई से आपराधिक गिरोह का संचालन करने वाले बदमाश प्रिंस खान और उसके गिरोह के खिलाफ शिकंजा कसने लगा है। पुलिस रिमांड पर लिए गए प्रिंस खान गैंग के तीन गुर्गों से न केवल पुलिस पूछताछ कर रही है, बल्कि आयकर विभाग की टीम भी सक्रिय हो गई है।

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    शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम ने रिमांड पर लिए गए परवेज खान, सैफ आलम उर्फ राशिद और तौशिफ आलम उर्फ मूसा से घंटों पूछताछ की।  आयकर विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि प्रिंस ने कितनी अवैध संपत्ति अर्जित की है और राशि को कहां-कहां किस कारोबार में लगाया है।

    इससे पहले पुलिस ने भी तीनों से घंटों पूछताछ की। इस क्रम में रंगदारी के स्रोतों की जानकारी मिली है। शहर के कई बिल्डर, जमीन कारोबारी, ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर, कोल माफिया और होटल व्यवसायी भी पुलिस की जांच के दायरे में आ गए हैं। ये सभी प्रिंस खान को हर महीने सुरक्षा के नाम पर रंगदारी देते थे।

    पुलिस का कहना है कि यह रकम पहले स्थानीय सहयोगियों के माध्यम से एकत्र की जाती थी और बाद में हवाला तथा क्रिप्टो माध्यम से दुबई भेजी जाती थी। वहां से प्रिंस खान और उसका भाई गोपी खान नेटवर्क का संचालन करते थे।

    आयकर विभाग ने भी बरामद नकदी को लेकर जांच शुरू कर दी है। विभाग की टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई, किस व्यवसायिक समूह से जुड़ी है और क्या इसके पीछे हवाला या रंगदारी से जुड़ा कोई चैनल था। विभाग बैंक खाता, एटीएम ट्रांजेक्शन और जमीन सौदों के दस्तावेजों का मिलान कर रहा है।

    100 सहयोगियों की सूची पुलिस के पास
    बैंकमोड़ थाना पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपितों को दो दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर उनसे लगातार पूछताछ की है। पूछताछ में आरोपितों ने 100 सहयोगियों के नाम बताए हैं, जो किसी न किसी रूप में प्रिंस खान को आर्थिक सहयोग पहुंचाते थे।

    इनमें शहर के कई रियल एस्टेट कारोबारी, भवन निर्माण ठेकेदार, कोयला परिवहन से जुड़े लोग और स्थानीय बाजार के व्यापारी शामिल हैं। पुलिस अब इन नामों के सत्यापन और आर्थिक लेनदेन के रिकार्ड की जांच करेगी।

    भूली के रहनेवाले कुछ जमीन कारोबारी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। वे प्रिंस के नाम पर जमीन का कारोबार करते थे। बैंकमोड़ थाना प्रभारी ने बताया कि गिरोह की जड़ तक पहुंचने के लिए हर नाम और ठिकाने की गहन जांच की जा रही है।

    यह भी पता लगाया जा रहा है कि रंगदारी की रकम कौन वसूलता था, किसके पास रखी जाती थी और आगे कहां भेजी जाती थी। 

    बरामदगी से खुली नेटवर्क की परतें
    गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपितों के पास से 17 लाख 34 हजार 900 रुपये नकद, एक पिस्टल, 47 कारतूस, 70 जमीन के डीड, 18 एटीएम कार्ड और आठ मोबाइल फोन बरामद किए थे।

    मोबाइल की काल डिटेल्स और बैंक खातों के विश्लेषण से कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस को ऐसे नंबर और खातों का पता चला है जिनके जरिए गिरोह के सदस्य दुबई और अन्य शहरों में पैसे ट्रांसफर करते थे।

    धनबाद में जमीन कारोबार को रंगदारी की रकम वैध दिखाने का जरिया बना रखा था। करोड़ों रुपये की रकम जमीन की खरीद-बिक्री और बिल्डिंग प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर घुमाई जाती थी। कई डीड संदिग्ध पाए गए हैं।

    प्रिंस खान और उसका भाई गोपी खान दुबई में रहकर गिरोह को रिमोट कंट्रोल की तरह संचालित करते हैं। वहीं से वीडियो काल और एन्क्रिप्टेड चैट के माध्यम से बातचीत करते थे। गिरोह के स्थानीय सदस्य वसूली, डराने-धमकाने और जमीन कब्जे के काम को अंजाम देते थे।

    अब तक की जांच में कई ऐसे डिजिटल वालेट और करोड़ों के संदिग्ध आनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। 

    नेटवर्क तोड़ने की कोशिश में जुटी है पुलिस
    एसएसपी प्रभात कुमार ने गिरोह के आर्थिक नेटवर्क को तोड़ने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। पुलिस रिमांड के दौरान जो भी जानकारी पुलिस को मिल रही है, उसके सत्यापन में जुटी है। कई कारोबारियों और सहयोगियों से पूछताछ करने का मन बनाया गया है।

    जिन नामों का सत्यापन हो रहा है, उस सूची में कुछ बड़े व्यवसायी भी शामिल हैं। पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं।