Modi Cabinet Expansion: कभी लालू की करीबी थी अन्नपूर्णा, भाजपा ने मंत्री बना झारखंड-बिहार के यादवों को दिया बड़ा राजनीतिक संदेश
Modi Cabinet Expansion 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़कर अन्नपूर्णा देवी भाजपा में शामिल हुई थीं। भाजपा ने पार्टी में शामिल करने के साथ ही उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री व यूपीए प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी के सामने उतारा था।
दिलीप सिन्हा, गिरिडीह। Modi Cabinet Expansion भाजपा ने अन्नपूर्णा देवी यादव को राजद से लाकर पहले कोडरमा से सांसद बनाया। फिर संगठन ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। अब केंद्र में मंत्री बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। इससे स्थानीय राजनीति ( कोडरमा और गिरिडीह) में यादव मतदाताओं को भाजपा की पकड़ मजबूत होगी। अन्नपूर्णा कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रयाद यादव की नजदीकी थीं। भाजपा ने मंत्री बनाकर झारखंड के साथ-साथ बिहार के यादव मतदाताओं को बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। यह संदेश है-हम आपके हैं। हमारे साथ ही आपका भला है। राजद का वोट बैंक बनकर आपका भला नहीं हो सकता है। भाजपा विरोधी यूपीए का माय समीकरण बिखर जाएगा। वहीं कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में अपनी जमीन वापसी का सपना देख रही वामपंथी पार्टी भाकपा माले का सपना टूट जाएगा। अन्नपूर्णा के राजद छोड़कर भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने के साथ ही उनके स्वजातीय यादव वोटर यूपीए व माले का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आ गए थे। अब उनके मंत्री बनने से यादव वोटरों पर भाजपा की पकड़ और मजबूत हो जाएगी।
2019 में यूपीए प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को शिकस्त देकर सबको चाैंकाया था
2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़कर अन्नपूर्णा देवी भाजपा में शामिल हुई थीं। भाजपा ने पार्टी में शामिल करने के साथ ही उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री व यूपीए प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी के सामने उतारा था। बाबूलाल जैसे बड़े नेता को चुनाव में मात देना उनके लिए आसान नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, भाजपा के परंपरागत वोटरों के साथ अपने स्वजातीय यादव वोटों को जोड़कर अन्नपूर्णा देवी ने जीत का रिकार्ड बना डाला था। बाबूलाल जैसे दिग्गज नेता को चार लाख 56 हजार 377 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था।
भाजपा के साथ परमानेंट जुड़ सकते यादव मतदाता
माले नेता राजकुमार यादव कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में उभरे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में दो लाख 65 हजार वोट लाकर वह भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बने थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में माले कोडरमा सीट पर कब्जा करने का सपना देख रही थी। भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद डॉ. रविंद्र कुमार राय का टिकट काटकर अन्नपूर्णा देवी को उतारकर एक-तीर से दो शिकार वाली कहावत चरितार्थ कर दी थी। बाबूलाल तो हारे ही राजकुमार यादव दो लाख 65 हजार से घटकर 60 हजार वोटों में सिमट गए। भाजपा ने अन्नपूर्णा को मंत्री बनाकर यूपीए के साथ-साथ माले की भी जमीन खिसका दी है।
झारखंड के साथ बिहार को साधने की कोशिश
झारखंड और बिहार भले ही अलग-अलग राज्य हैं लेकिन दोनों की राजनीति एक-दूसरे को प्रभावित करती है। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र बिहार से लगा हुआ है। अन्नपूर्णा को मंत्री बनाकर भाजपा ने बिहार के यादव मतदातओं को भी संदेश दिया है। मोदी मंत्रिमंडल में पहले से झारखंड-बिहार के नित्यानंद राय ( यादव) मंत्री थे। अब यादव समाज से अन्नपूर्णा देवी दूसरी मंत्री हो गई हैं। अन्नपूर्णा कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की करीबी थीं। झारखंड में राजद का हर निर्णय अन्नपूर्णा ही लेती थीं। अब भाजपा अन्नपूर्णा के सहारे लालू के वोट बैंक में सेंध लगाएगी। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अन्नपूर्णा देवी झारखंड प्रदेश राजद की अध्यक्ष थी। वह राजद को छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं।
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