Indian Railways IRCTC: झारखंड-बिहार की कई ट्रेनों को मिल सकता 'जोड़-घटाव' से छुटकारा, जानिए रेलवे की तैयारी
लिंक एक्सप्रेस बनकर चलने की वजह से ट्रेनों का टाइम टेबल प्रभावित होता है। एक स्टेशन से खुलने वाली ट्रेन दूसरे स्टेशन पर जहां लिंक एक्सप्रेस जुड़ने वाली है वहां काफी देर तक खड़ी रहती है। लिंक एक्सप्रेस जुड़ने के बाद ट्रेन आगे के सफर पर निकलती है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड- बिहार की ट्रेनों को जोड़-घटाव के झंझट से जल्दी ही छुटकारा मिलने वाला है। रेलवे ने इसकी तैयारी कर ली है। ट्रेनों का परिचालन सामान्य होते ही ऐसी कई महत्वपूर्ण ट्रेनें हैं जो नियमित ट्रेनों के साथ लिंक एक्सप्रेस बनकर चलती हैं, उन ट्रेनों को लिंक एक्सप्रेस के तौर पर चलाने के बजाय उन्हें अलग एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में चलाई जाएगी। इनमें धनबाद रेल मंडल से चलने वाली बरकाकाना-पटना-पलामू एक्सप्रेस और पटना-बरकाकाना-सिंगरौली-पलामू लिंक एक्सप्रेस शामिल हैं। इसके साथ ही टाटानगर से चलने वाली टाटा-छपरा और टाटा-कटिहार एक्सप्रेस को भी अलग-अलग ट्रेन के रूप में चलाया जाएगा।
ट्रेनों का टाइम टेबल होता प्रभावित
लिंक एक्सप्रेस बनकर चलने की वजह से ट्रेनों का टाइम टेबल प्रभावित होता है। एक स्टेशन से खुलने वाली ट्रेन दूसरे स्टेशन पर जहां लिंक एक्सप्रेस जुड़ने वाली है, वहां काफी देर तक खड़ी रहती है। लिंक एक्सप्रेस जुड़ने के बाद ट्रेन आगे के सफर पर निकलती है। इस वजह से कम से कम आधे घंटे का वक्त गुजर जाता है। वापसी में लिंक एक्सप्रेस खुलकर अलग होती है और इस प्रक्रिया में भी काफी वक्त लग जाता है। यही वजह है कि रेलवे जीरो बेस्ड टाइम टेबल में लिंक एक्सप्रेस वाले कंसेप्ट को बदलने जा रही है।
इन ट्रेनों को अलग-अलग चलाने की तैयारी
- 13347-13348 बरकाकाना पटना पलामू एक्सप्रेस और 23347-23348 सिंगरौली पटना पलामू लिंक एक्सप्रेस एक साथ जुड़कर चलती हैं। इनमें बरकाकाना पटना पलामू एक्सप्रेस नियमित रहेगी।पटना सिंगरौली लिंक एक्सप्रेस को सेपरेट चलाया जाएगा।
- 18181-18182 टाटा छपरा और 28181- 28182 टाटा कटिहार लिंक एक्सप्रेस को अलग अलग चलाया जाएगा। टाटा-छपरा हफ्ते में चार दिन और टाटा कटिहार तीन दिन चलेगी।
हावड़ा देहरादून एक्सप्रेस को हरिद्वार तक चलाने की थी तैयारी
हावड़ा से देहरादून जाने वाली दून एक्सप्रेस को भी हावड़ा से हरिद्वार तक चलाने की तैयारी थी। इसके साथ ही हरिद्वार से देहरादून के बीच नई ट्रेन चलाने की योजना बनी थी। इस बीच रेलवे ने हावड़ा देहरादून एक्सप्रेस को हावड़ा से योग नगरी ऋषिकेश तक चलाने की मंजूरी दे दी।
अलेप्पी को मिले 22 कोच और जोधपुर एक्सप्रेस बन गई दो ट्रेन
धनबाद और टाटानगर से चलने वाली अलेप्पी एक्सप्रेस धनबाद की झोली में आ गई। रेलवे ने टाटानगर से जुड़ने वाले लिंक कोच को हटा दिया। इसके साथ ही हावड़ा जोधपुर और हावड़ा बीकानेर के बीच चलने वाली एक्सप्रेस भी हावड़ा से जोधपुर और हावड़ा से बीकानेर के बीच अलग-अलग ट्रेन बनकर चलने लगी हैं।