Coal India: कोयले में पत्थर मिले तो मचा हड़कंप, पंजाब-हरियाणा और यूपी के पावर प्लांटों ने BCCL को दिया बड़ा झटका
Coal India News: कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल से कोयला आपूर्ति में पत्थर मिलने से हड़कंप मच गया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पावर प्ला ...और पढ़ें

कोयले की गुणवत्ता को लेकर बीसीसीएल और पावर प्लांटों के बीच बढ़ा विवाद।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) एक बार फिर कोयले की गुणवत्ता को लेकर कठघरे में है। कोयला सप्लाई में भारी गिरावट दर्ज की गई है और उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के कई बड़े थर्मल पावर प्लांटों ने बीसीसीएल से कोयला लेना बंद कर दिया है। वजह साफ है-सप्लाई किए गए कोयले में गुणवत्ता का घोर अभाव और भारी मात्रा में पत्थर की मिलावट। इस गंभीर मामले ने कोयला उद्योग से लेकर पावर सेक्टर तक खलबली मचा दी है।
एक दर्जन अधिकारियों को शोकॉज
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीसीसीएल मुख्यालय हरकत में आ गया है। मुख्यालय ने एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। बीसीसीएल के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने साफ शब्दों में कहा है कि जब सभी संसाधन उपलब्ध कराने के बावजूद हालात नहीं सुधर रहे हैं, तो कार्रवाई तय है। उन्होंने बताया कि दोषी अधिकारियों की पहचान की जा रही है, कुछ नाम और साक्ष्य सामने आ चुके हैं, जिनका सत्यापन जारी है। सत्यापन पूरा होते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बरौनी और बोकारो थर्मल प्लांट में के कोयले में भी पत्थर
इधर गोविंदपुर एरिया के एसएलजी साइडिंग से एनटीपीसी के बरौनी और डीवीसी के बोकारो थर्मल पावर प्लांट को भेजे गए कोयले में भारी मात्रा में पत्थर मिलने से मामला और भी विस्फोटक हो गया है। एनटीपीसी ने बीसीसीएल के काफी मनुहार के बाद एक रैक कोयले की जांच के लिए सहमति दी थी, लेकिन उसी रैक में पत्थर पाए जाने के बाद एनटीपीसी ने आगे कोयला लेने से इनकार कर दिया।
बीसीसीएल का सेल्स विभाग भी हरकत में
इस संबंध में मंगलवार को कोयला भवन स्थित बीसीसीएल मुख्यालय के सेल्स विभाग में औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसकी पुष्टि सेल्स विभाग के महाप्रबंधक हितेष वर्मा ने की। उन्होंने बताया कि थर्मल पावर प्लांटों ने पूरे रिकॉर्ड और साक्ष्यों के साथ अपनी शिकायत रखी है, जिसे उच्च प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है।
एनटीपीसी और डीवीसी ने दर्ज कराई आपत्ति
सूत्रों के अनुसार गोविंदपुर साइडिंग से भेजे गए कोयले को डोजर से क्रश किया गया था, जिससे कोयले का निर्धारित आकार नष्ट हो गया और उसमें पत्थर मिल गए। पावर प्लांटों की आपत्ति में बताया गया है कि 12 दिसंबर को बरोनी में कोयला अनलोडिंग के दौरान भारी मात्रा में पत्थर मिला, वहीं 13 दिसंबर को डीवीसी के बोकारो थर्मल पावर ने भी औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
कोयले की गुणवत्ता सवालों में
सेल्स विभाग के आंकड़े हालात की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं। 23 रैक की मांग के मुकाबले मुश्किल से 15 से 17 रैक की सप्लाई हो पा रही है, वह भी बीसीसीएल के भारी आग्रह पर। एनटीपीसी को पहले जहां छह रैक नियमित सप्लाई होती थी, वह अब लगभग ठप हो चुकी है। डीवीसी केवल अपने फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट को पेनाल्टी से बचने के लिए जैसे-तैसे पूरा कर रही है। गुणवत्ता को लेकर रोज नए सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीसीसीएल से कोयला सप्लाई में कमी दर्ज कराने वाले पावर प्लांटों की सूची लंबी होती जा रही है। इसमें पानीपत, झज्जर, रोपड़, हरदुआगंज, परिछा, उचाहार, फरक्का, दादरी, कोडरमा, डीएसटीपीएस, बोकारो, डीटीपीएस वारिया, डीपीएल समेत कई प्रमुख प्लांट शामिल हैं। अगर हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले दिनों में बीसीसीएल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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