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    रात तीन बजे सरायढेला इलाके में गुल हुई बत्ती, छह घंटे गर्मी में तड़पते रहे लोग, सुबह पानी भी नहीं मिला

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 03:12 PM (IST)

    सरायढेला के बिग बाजार फीडर में रात तीन बजे अचानक खराबी आ जाने के कारण इलाके की बिजली चली गई। इसके कारण लोग घंटों गर्मी उमस भरी गर्मी में परेशान रहे। व ...और पढ़ें

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    फिलहाल इलाके में दूसरे फीडर से बिजली दी जा रही है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: सरायढेला के बिग बाजार फीडर में रात तीन बजे अचानक खराबी आ जाने के कारण इलाके की बिजली चली गई। इसके कारण लोग घंटों गर्मी उमस भरी गर्मी में परेशान रहे। विभाग को इसकी सूचना दी गई तो कर्मियों ने आकर फीडर की जांच की। सुबह नौ बजे इलाके में दूसरे फीडर से बिजली आपूर्ति बहाल की गई।

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    इस फीडर में खराबी आने की वजह से चाणक्य नगर, कोलाकुसमा, सुगियाडीह और सबलपुर के भी कुछ इलाकों में लोगों को बिजली संकट झेलना पड़ा। वहीं अचानक बिजली कट जाने से आमजन रात से ही परेशान दिखे। सुबह कई घरों में मोटर से पानी नहीं चढ़ पाया। बच्चे भी स्कूल जाने में आनाकानी करते दिखे। मामले में विभाग के कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि फीडर की खराबी का पता नहीं चल पाया है। उसकी जांच की जा रही है। फिलहाल इलाके में दूसरे फीडर से बिजली दी जा रही है।

    मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिदिन काटी जा रही बिजली

    इधर, जिलेभर में मेंटेनेंस के नाम पर किसी न किसी इलाके में प्रतिदिन बिजली काटी जा रही है। पिछले कुछ दिनों में बैंकमोड़, सरायढ़ेला, हीरापुर इलाके की बिजली चार से पांच घंटे काटी गई। आज भी सुबह छह बजे से नौ बजे तक मेमको फीडर की बिजली काटी गई थी। इसके कारण मेमको मोड़, ठाकुर कुल्ही, वीआइपी कालोनी, मेन रोड धैया, धैया खटाल, दाल मिल रोड, धीरेंद्रपुरम, चनचनी काॅलोनी, राहरगोड़ा, ललित विहार इलाके में बिजली नहीं रही।

    65 फीसदी ही हो पाया है अंडरग्राउंड केबलिंग का काम

    धनबाद जिले में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम मात्र 65 फीसदी ही हो पाया है। विभाग के अनुसार, यह एक मुख्य कारण है, जिसकी वजह से लगातार बिजली कट रही है। अभी तक गोधर, भूली, पीएमसीएच, नावाडीह, हीरापुर, धैया, पुटकी सहित अन्य पावर सबस्टेशन को 33 केवीए अंडरग्राउंड केबलिंग से जोड़ना बाकी है। चार साल पहले जिस एजेंसी को काम मिला था, उसे 2021 तक ही यह पूरा कर लेना था, लेकिन अभी भी हर रोज लोगों को समस्‍याओं से दो-चार होना पड़ रहा है।