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दामोदर में बहा सीटीपीएस का फर्नेस ऑयल, जलापूíत ठप

दामोदर में बहा सीटीपीएस का फर्नेस ऑयल जलापूर्ति ठप

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 07:29 PM (IST)
दामोदर में बहा सीटीपीएस का फर्नेस ऑयल, जलापूíत ठप
दामोदर में बहा सीटीपीएस का फर्नेस ऑयल, जलापूíत ठप

जागरण टीम, जामाडोबा/झरिया/महुदा : मंगलवार सुबह जामाडोबा में दामोदर नदी का पानी देख झमाडा (झारखंड क्षेत्र खनिज विकास प्राधिकार) के जल संयंत्र कर्मियों में हड़कंप मच गया। पानी के उपरी सतह पर केमिकल जैसा तरल पदार्थ देख कर्मियों के होश उड़ गए। संयंत्र में प्रथम पाली के कर्मियों ने खतरा को देखते हुए 12 एमजीडी और नौ एमजीडी फिल्टर प्लांट में जल भंडारण कार्य सुबह छह बजे रोक दिया। तैलीय पदार्थ नदी के पानी में दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था। इस कारण झरिया शहर, कतरास व महुदा समेत कोयलांचल के आसपास लगभग 20 लाख की आबादी वाले इलाके में जलापूíत नहीं हो सकी।

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कर्मियों ने नदी के पानी प्रदूषित होने की सूचना झमाडा एमडी चंद्रमोहन कश्यप, तकनीकी निदेशक (टीएम) इंद्रेश शुक्ला, जल कार्य अधीक्षक पंकज झा, श्रवण कुमार को दी। सभी अधिकारी फिल्टर प्लांट पहुंचे। कर्मियों ने अधिकारियों को प्रदूषित जल का बोतल में भरा सैंपल दिखाया। टीएम ने यह जानकारी उपायुक्त को दी। उन्होंने मांग की कि तेनुघाट डैम का पानी को छोड़वाने की पहल की जाए। ताकि केमिकल युक्त पानी का बहाव होने के बाद जल भंडारण किया जा सके। साथ ही खतरनाक तरल पदार्थ कहां से छोड़ा गया इसकी छानबीन भी शुरू हो गई। देर शाम प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी ने कहा कि चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन में ट्रांसफार्मर चार्ज करने के लिए लाया गया फर्नेस ऑयल लिकेज के कारण बहकर नदी में चला गया था। जब इसका पता चला तो वहां के कर्मियों में तेल को बहने से रोका, लेकिन तब तक काफी तेल दामोदर में बह चुका था।

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स्नान करने से परहेज कर रहे लोग, पशु नहीं पी रहे पानी

दामोदर नदी में खतरनाक तरल पदार्थ के बहाव होने के बाद आसपास चर रहे पशु भी उस पानी को नहीं पी रहे थे। कई लोगों ने खतरनाक तरल पदार्थ से नदी की मछलियों के मरने की भी संभावना जताई है। साथ ही नदी में प्रदूषण का खतरा बढ़ने की बात कही है। दामोदर नदी में तरल पदार्थ के बहाव से पानी दूषित, मछलियां मरने लगी है। महुदा क्षेत्र के दामोदर नदी में तरल पदार्थ के बहाव से मछलियां मरने लगी है, वहीं लोग नहाने से परहेज कर लिया है। दूषित पानी के बहाव को लेकर महुदा रेलवे व बीसीसीएल की कॉलोनियों में बुधवार को जलापूर्ति नहीं की जाएगी। झारखंड की जीवनदायनी नदी दामोदर में सौ फीसद शुद्ध पीने का पानी मिलता है। नदी में तरल पदार्थ देखने के बाद मंगलवार को महुदा रेलवे एवं बीसीसीएल में जलापूर्ति पंप नहीं चलाया गया।

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मुख्यमंत्री आज झरिया में, लाखों लोगों को नहीं मिलेगा पानी :

एक ओर भाजपाई बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास के झरिया में जोहार जन आशीर्वाद यात्रा को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर झरिया व पुटकी आदि के क्षेत्रों में जामाडोबा से पानी की आपूíत बुधवार को नहीं हो सकेगी। कर्मियों ने बताया कि दामोदर नदी में फैले प्रदूषण को तत्काल खत्म करने के लिए तेनुघाट डेम से पानी छोड़ा जाना जरुरी है। जामाडोबा तक पानी पहुंचने में 24 घंटे लगेंगे। इसके बाद बुधवार की रात जल भंडारण किया जाएगा। गुरुवार से जलापूíत बहाल की जाएगी। कर्मियों ने कहा कि दामोदर नदी का प्रदूषित पानी पश्चिम बंगाल की ओर जा रहा है। इसका असर वहां धान की खेती पर भी पड़ेगा।

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लैब में जांच के बाद ही पानी की करें आपूíत : डॉ. पीएस सिंह

बीसीसीएल जियलगोरा क्षेत्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पीएस सिंह ने कहा कि फैक्ट्री से नदी में बहाव हुए खतरनाक तरल पदार्थ युक्त पानी के सेवन से कई तरह की बीमारी लोगों को हो सकती है। लीवर को प्रभावित कर सकता है। पीलिया लिवोसिस, किडनी के अलावा मानसिक विकार हो सकता है। कै-दस्त, टायफाइड आदि बीमारियां हो सकती है। ऑक्सीजन की कमी से पानी की मछलियां मर जाती है। इन मछलियों के खाने से भी कई तरह की बीमारियां होती है। स्किन डिजीज का खतरा होता है। लैब में जांच करा कर ही लोगों के बीच पानी की सप्लाई करें। ताकि महामारी का खतरा से बचा जा सके।

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जामाडोबा जल संयंत्र में छानबीन कर रहे हैं। नदी के पानी को शुद्ध करने की दिशा में कार्य चल रहा है। बुधवार तक लोगों को पानी दिया जा सके, इसकी पहल हो रही है।

- पंकज झा, जल कार्य अधीक्षक जामाडोबा जल संयंत्र


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