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    Deoghar Airport: तेज हुई नामकरण की राजनीति; मुख्यमंत्री की मांग के बाद सामने आए सिदो-कान्हू के वंशज, मांगा उचित सम्मान

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Wed, 18 Aug 2021 12:10 PM (IST)

    मंडल मुर्मू ने कहा कि उन्हें बाबा बैद्यनाथ एयरपोर्ट के नामकरण पर आपत्ति नहीं है और ना ही वह इसका विरोध करते हैं लेकिन संताल परगना में जिन अमर शहीदों न ...और पढ़ें

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    झारखंड के देवघर स्थित नवनिर्मित एयरपोर्ट ( फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, दुमका। देवघर में नवनिर्मित हवाईअड्डा अभी चालू नहीं हुआ है लेकिन राजनीति उड़ान भ रही है। इस एयरपोर्ट का नामकरण पहले से ही अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो चुका है। लेकिन अब इसमें बदलाव की मांग उठ रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हवाईअड्डा का नाम बाबा बैद्यनाथ करने की मांग की है। अब संताल विद्रोह के नायक बंधु, सिदो-कान्हू के वंशज ने अपनी मांग जगजाहिर की है। चाहते हैं कि सिदो-कान्हो के नाम पर हो हवाईअड्डा। इस नामकरण की राजनीति का गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है। उसे ही निर्णय लेना है। इस हवाईअड्डा का शिलान्यास 25 मई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनबाद के सिंदरी से ऑनलाइन किया था। अब चालू होने के लिए बनकर तैयार है। 

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    मंडल मुर्मू ने उठाई नई मांग

    संताल हूल के महानायक सिदो-कान्हू के छठे वंशज मंडल मुर्मू ने मंगलवार को परिसदन में बैठक कर कहा कि देवघर में नवनिर्मित एयरपोर्ट का नामकरण सिदो-कान्हू के नाम से होना चाहिए। जिन वीर सपूतों ने जल, जंगल और जमीन एवं देश के लिए अपना बलिदान दिया, उन वीर सपूतों को सम्मान दिया जाना चाहिए। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर देवघर एयरपोर्ट का नाम 'बाबा बैद्यनाथ' एयरपोर्ट रखने का आग्रह किया था। सीएम ने इस संदर्भ में ट्वीट भी किया था।

    बाबा बैद्यनाथ के नाम पर आपत्ति नहीं

    मंडल मुर्मू ने कहा कि उन्हें बाबा बैद्यनाथ एयरपोर्ट के नामकरण पर आपत्ति नहीं है और ना ही वह इसका विरोध करते हैं, लेकिन संताल परगना में जिन अमर शहीदों ने देश की रक्षा के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जान दे दी, उन्हें सरकार को उचित सम्मान देना चाहिए। खुद परिवार से हैं, इसलिए सम्मान देने की मांग है। कहा कि इस मुद्दे पर पूर्व में कई सामाजिक संगठन मुख्यमंत्री से आग्रह कर चुके है। बुधवार को भी संताल परगना के दौरे पर पहुंच रहे मुख्यमंत्री से उनका एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा। अगर सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है तो सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

    रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की की मौत की जांच पर भी उठाए सवाल

    मंगल मुर्मू ने सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू और साहेबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत का भी मामला उठाते हुए कहा कि सरकार से सीबीआइ जांच की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जबकि धनबाद में जज की मौत मामले में आनन-फानन सीबीआइ जांच शुरू हो गई। जिन वीर सपूतों के खून से यह धरती सींची गई, उनके वंशज की मौत की सीबीआइ जांच की मांग पर सरकार ने सिर्फ अनुशंसा कर खानापूर्ति की। मौके पर लस्कर सोरेन, रूपचंद मुर्मू व चंद्रमोहन हांसदा मौजूद थे। बाद में चारों ने सरना समिति संगठन मरांग, दिसोम मारांग बुरु आखड़ा, सिदो कान्हू प्रतिमा स्थापना समिति, आदिवासी एंवेन बैसी, आदिवासी क्रांति सेना, जुवान एभेन गांवता, तिलका हूल आर्मी, स्थापना संगठन, आदिवासी क्लब काठीकुंड, संताल परगना आदिवासी बुद्धिजीवी मंच, गोटा भारत सिदो कान्हू हूल बैसी, दिसोम मांझी थान आर जाहेर थान समिति के सदस्यों के साथ बैठक की।