धनबाद में अवैध कोयला खनन हादसे से मचा हड़कंप, घटनास्थल पर पहुंचे सांसद-विधायक का ग्रामीणों ने किया विरोध
धनबाद के बाघमारा में अवैध कोयला खनन हादसे के बाद राजनीति गरमा गई। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक सरयू राय को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। सांसद धरने पर बैठ गए उनका आरोप है कि कोयला तस्करों ने विरोध किया। यह सब जमुनिया शिव मंदिर के पास हुई खदान दुर्घटना के बाद हुआ जिसमें कई मजदूरों के दबने की आशंका है।

जागरण टीम, कतरास/बाघमारा/भीमकानाली/बरोरा। धनबाद के बाघमारा थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम हुए अवैध कोयला खनन हादसे के बाद बुधवार को राजनीतिक हलचल तेज हो गई।
गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय जब जमुनिया नदी किनारे स्थित अवैध खनन स्थल पर घटना का जायजा लेने पहुंचे, तो उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
कुछ लोगों ने दोनों नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की, जिसके बाद ग्रामीणों और सांसद समर्थकों के बीच तीखी बहस और झड़पें हुईं। इस तनावपूर्ण माहौल के बीच सांसद ने कार्रवाई की मांग को लेकर बाघमारा थाना पहुंच कर धरने पर बैठ गए।
सांसद-विधायक को झेलना पड़ा ग्रामीणों का तीखा विरोध
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक सरयू राय जैसे ही घटनास्थल पर पहुंचे, काफी संख्या में केशरगढ़ के ग्रामीण वहां जमा हो गए और नेताओं के निरीक्षण का विरोध करने लगे। कुछ ग्रामीणों ने सांसद मुर्दाबाद, सरयू राय मुर्दाबाद, चंद्रप्रकाश सरयू वापस जाओ जैसे नारे भी लगाए।
उनका आरोप था कि बीसीसीएल ने उनके गांव को टापू बना दिया है, आवागमन के रास्ते तक नहीं हैं, उन्हें नियोजन नहीं दिया गया और वे आग के बीच रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि आज तक वे उनकी हालत देखने नहीं आए, और अब झूठी घटना की सूचना पाकर यहां क्यों आए हैं।
कुछ ग्रामीण दोनों नेताओं को जबरन अपने गांव ले जाकर समस्या देखने का जोर दे रहे थे। देखते ही देखते, ग्रामीणों और दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच कोयला चोर होस में आओ जैसे नारों के साथ तू-तू मैं-मैं और गाली-गलौज शुरू हो गई, जो की भिड़ंत में तब्दील हो गई।
तीन से चार बार दोनों ओर से झड़प हुई। सूचना मिलते ही कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया, जिसके बाद नेताओं को उनके सुरक्षा गार्ड व पुलिस ने किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला।
विरोध के बाद सांसद का थाना में धरना, विधायक लौटे
ग्रामीणों के विरोध से आहत सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी कार्रवाई की मांग को लेकर सीधे बाघमारा थाना पहुंच गए और धरना पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया की ग्रामीणों की शक्ल में कोयला तस्कर उनका विरोध कर रहें थे।
कोयला तस्कर व स्थानीय दबंग उन्हें मरवाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। वहीं, विधायक सरयू राय वापस लौट गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद काफी संख्या में सांसद समर्थक भी थाना पहुंच गए। शाम करीब छह बजे बाघमारा एसडीपीओ पुरूषोतम सिंह के साथ वार्ता हुई, जिसमें सांसद ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों के नाम लिखित शिकायत के रूप में दिए।
सांसद ने दैनिक जागरण अखबार का जिक्र करते हुए कहा की अखबार में मृतकों के नाम भी छप चुके है, फिर भी प्रशासन घटना का सुबूत मांग रहा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से घटना में मृत लोगों का नाम भी लिखित रूप से देते हुए जांच की मांग की है। पुलिस द्वारा घटना पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन देने पर वे थाना से निकले।
मंगलवार देर शाम की त्रासदी
यह पूरा विरोध और राजनीतिक हलचल मंगलवार देर शाम हुई एक भीषण त्रासदी का परिणाम था। बाघमारा थाना क्षेत्र के ब्लॉक दो परियोजना अंतर्गत जमुनिया शिव मंदिर के समीप सी पैच बंद खदान में अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंस गई थी।
सूत्रों के अनुसार, इस दुर्घटना में 15 लोगों के दबने की बात सामने आई। जबकि घटनास्थल पर ही पांच मजदूरों की मौत की आशंका जताई गई। यह दर्दनाक वाकया जमुनिया स्थित हाई वाल माइनिंग के समीप 'चमगादड़ माइंस' (अवैध कोयला कारोबारियों द्वारा रखा गया नाम) में शाम करीब पांच से सात बजे के बीच हुआ, जिसमें लगभग बीस से पच्चीस मजदूर अवैध उत्खनन के दौरान कोयले का पिलर काट रहे थे।
अचानक पानी का तेज बहाव आया और पिलर व उसके आसपास का हिस्सा भरभरा कर धंस गया, जिससे मजदूर मलबे में फंस गए।
गिरिडीह के चार मजदूरों की मौत की सूचना पर स्वजनों में मातम
जिन चार मजदूरों की कोयले के ढेर में दबने से मौत की आशंका है, वे गिरिडीह के ताराटांड़ के रहने वाले बताए जा रहे हैं। मंगलवार सुबह वे पिकअप वैन के माध्यम से केशरगढ़ में अवैध कोयला खदान में कोयला काटने गए थे।
बदगुंदा पंचायत के मुखिया पुत्र मो. इरशाद व कुंदलवादाह पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता मो. मोबीन ने बताया कि मृतकों में ताराटांड़ के कुंदलवादाह टोला अम्बाबेड़ा के चरकु अंसारी, खान साहब, बुढ़वाशेर गांव के दिलीप साव और बदगुंदा पंचायत के मथुरासिंघा गांव के मो. जमशेद शामिल हैं।
वहीं, हादसे की खबर मिलते ही सभी मजदूरों के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, अपनों की तलाश में स्वजन व ग्रामीण केशरगढ़ के लिए निकले थे लेकिन उन्हें घटनास्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया था। जिसके बाद से मृतकों के घर पर मातम पसरा हुआ है।
मानवता शर्मसार
सांसद ने कोयला तस्करों के इस दरिंदता का जिक्र करते हुए कहा कि घटना के बाद तस्करों ने बचाव का जरा सा भी प्रयास नहीं किया। मलबे में फंसे मजूदरों को निकालने के बजाय पूरा कुनबा इंसानियत को तार तार करते हुए सबूत मिटाने में जुट गया था।
घटना के तुरंत बाद, क्षेत्र में सक्रिय कोयला तस्करों के सिंडिकेट ने बड़े पैमाने पर बचाव कार्य चलाने के बजाय, सबूत मिटाने का काम शुरू कर दिया था। तीन जेसीबी मशीनों को लगाकर युद्धस्तर पर अवैध उत्खनन स्थल के मुहानों को भरा दिया गया।
यही नहीं सिंडिकेट के दर्जनों गुर्गे घटनास्थल के चप्पे-चप्पे पर तैनात हो गए और किसी को भी वहां आने-जाने नहीं दे रहे थे। जब कुछ मशीन ऑपरेटरों ने घटना का वीडियो फुटेज बनाने की कोशिश की, तो सिंडिकेट के लोगों ने उनके मोबाइल छीन लिए।
खबर संकलन करने पहुंचे स्थानीय पत्रकारों को भी भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। तस्करों के गुर्गों ने पत्रकारों की गाड़ियों को रोक दिया था और आगे रास्ता बंद होने की बात कहकर उन्हें वापस लौटने पर मजबूर किया था। इतना ही नहीं, जब कुछ पत्रकारों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, तो उन्हें गोली-बारूद की धमकी भी दी गई।
प्रशासन अभी भी बेखबर
जानकारी नहीं है का रटा-रटाया जवाब, इस गंभीर हादसे पर प्रशासनिक अधिकारी अभी भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। सांसद द्वारा सीधे तौर पर घटना का जिक्र करते अवैध उत्खनन स्थल की खुदाई करवाने की बात कही गई तो उन्होंने घटना से अनभिज्ञता जताते हुए कहा ऐसा कोई मामला नहीं है, फिर भी आप कहते है तो कार्रवाई होगी।
अवैध कोयला लदा ट्रक जब्त
बुधवार सुबह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के समर्थकों ने जमुनिया से अवैध कोयला लेकर निकली एक ट्रक संख्या जेएच10 डीडी 6555 को खानूडीह चौक से हरिना की ओर जाते हुए पकड़ा। समर्थकों का आरोप था कि यह कोयला जमुनिया शिव मंदिर के समीप अवैध चमगादड़ माइंस से लोड किया गया था।
सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रक को जब्त कर लिया, जिसमें करीब 40 टन कोयला लोड बताया जा रहा है। जिसकी बाजार की कीमत लगभग तीन लाख रुपए बताई जाती है।
यह दुर्घटना एक बार फिर झारखंड में बेलगाम अवैध कोयला खनन, प्रशासनिक अनदेखी, और इससे होने वाले जान-माल के नुकसान की भयावह तस्वीर पेश करती है।
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