Move to Jagran APP

ट्रेन के एसी कोच में रात के सफर में अकेली युवती को लगी वर्दीधारी की गंदी नजर, पढ़ें-फिर क्या हुआ

Indian Railways ALERT मुजफ्फरपुर से रांची जा रही युवती मौर्य एक्सप्रेस पर सवार थी। वातानुकूलित कोच में बैठी युवती को वर्दी पहना जवान घूर रहा था। कभी सामने से गुजरते हुए नजर डाल रहा था तो कभी दरवाजे पर खड़ा होकर झांक रहा था। उसकी नजर ठीक नहीं थी।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:47 PM (IST)
ट्रेन के एसी कोच में रात के सफर में अकेली युवती को लगी वर्दीधारी की गंदी नजर, पढ़ें-फिर क्या हुआ
ट्रेन में युवती के साथ गंदी हरकत ( प्रतीकात्मक फोटो)।

तापस बनर्जी, धनबाद। कोई युवती ट्रेन में अकेली सफर कर रही हो और कोई बार-बार घूरता रहे तो कोई भी असहज महसूस करेगा ही। हद तब है जब कोई पुलिस वाला ऐसा करे। 12 जनवरी को ऐसा ही हुआ। मुजफ्फरपुर से रांची जा रही युवती मौर्य एक्सप्रेस पर सवार थी। वातानुकूलित कोच में बैठी युवती को वर्दी पहना जवान घूर रहा था। कभी सामने से गुजरते हुए नजर डाल रहा था तो कभी दरवाजे पर खड़ा होकर झांक रहा था। युवती को उसकी हरकत ठीक नहीं लगी। चुपके से उसकी तस्वीर ली और अपने दोस्त को शेयर कर दिया। मित्र को फोन कर युवती ने मदद मांगी। मित्र ने रेल मदद एप के जरिए तुरंत शिकायत भी दर्ज करा दी। शिकायत दर्ज होते ही रेल सुरक्षा बल तुरंत हरकत में आ गया। देर रात कतरासगढ़ स्टेशन पर आरपीएफ ने युवती से फीडबैक लिया। युवती को राहत मिली।

loksabha election banner

पांव तले मोर, मच गया शोर

राष्ट्रीय पक्षी मोर के चित्र पर रेल यात्रियों के पांव पड़ने के मामले में शोर मच चुका है। रेल मंत्री से लेकर आसनसोल के मंडल रेल प्रबंधक तक शिकायत जा चुकी है। राष्ट्रीय पक्षी का मसला होने के नाते जाहिर है, सब तनाव में आ चुके हैैं। दरअसल, बाबा नगरी जसीडीह रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज की सीढिय़ों पर मोर को चित्रित कर दिया गया है। हर दिन सैकड़ों रेल यात्री मोर के चित्र पर पांव रख कर आना-जाना कर रहे हैैं। रेलवे के अधिकारी यह तथ्य भूल गए थे कि मोर राष्ट्रीय पक्षी है। अनुज हनुमत नामक नागरिक को जसीडीह स्टेशन में मोर के चित्र पर लोगों का पांव पडऩा नागवार गुजरा है। रेल मंत्रालय से लेकर आसनसोल रेल मंडल को लिखते हैं, मोर राष्ट्रीय पक्षी है तो उसे सीढिय़ों पर क्यों चित्रित किया गया। यात्री पैर रखकर गुजर रहे हैं। सोचिए साहब।

बिल्डिंग मेटेरियल गड़बड़ है सर

रेलनगरी गोमो में नई इमारत खड़ी हो रही है। जानकार बता रहे हैं कि डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर बननेवाला है। इसलिए रेलवे वहां एक डीआरएम का दफ्तर बना रही है। धनबाद रेल मंडल के तीन में से एक डीआरएम गोमो में ही बैठेंगे। इस बीच इमारत के लिए इस्तेमाल होने वाले बिल्डिंग मेटेरियल पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में एक शख्स ने सीधे डीआरएम को खटखटा दिया है। कह रहे हैं, इमारत खड़ी करने के लिए ठेकेदार ने जो निर्माण सामग्री मंगायी है, उसकी गुणवत्ता सही नहीं है। घटिया सामग्री से भवन बनता है तो सरकारी राशि का दुरुपयोग होगा। गोमो से ऐसी शिकायतें पहले भी आती रही हैैं। सड़क निर्माण के लिए घटिया बालू के इस्तेमाल को लेकर स्थानीय लोगों के साथ रेल कर्मचारियों ने भी अंगुली उठाई थी। हां, रेलवे की जांच में गड़बड़ी नहीं मिली। शायद अब भी वही हो।

नहीं मिलेगी नयी, पुरानी पर खतरा

भारतीय रेल के कमाऊ पूत धनबाद की किस्मत भी अजीब है। नई ट्रेन मिलती नहीं है और पुरानी ट्रेनों पर खतरा मंडराने लगता है। 30 दिसंबर को जब सांसदों के साथ रेल महाप्रबंधक की बैठक हुई तो ऐसा लगा कि धनबाद की झोली भर जाएगी। मगर सब उल्टा हो गया। सांसदों ने मांगों की झड़ी लगा दी। धनबाद के लिए नई ट्रेनें मांगने पर दिल्ली मुख्यालय के पाले में गेंद फेंक दी गई। बोला गया कि प्रस्ताव तो भेजा गया था। लेकिन रेलवे बोर्ड ने खारिज कर दिया। वैसे, धनबाद से कोल्हापुर जानेवाली दीक्षाभूमि एक्सप्रेस को रांची ले जाने की बात आई तो रेलवे ने पूरी प्लानिंग के साथ हरी झंडी दे दी। हावड़ा-नई दिल्ली दुरंतो पहले ही छिन चुकी है। अब दीक्षाभूमि पर भी खतरा मंडराने लगा है। 15 दिनों के बाद बजट है। देखिए, धनबाद की किस्मत खुलेगी या फिर झुनझुना मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.