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    धनबाद में हर महीने 50 लाख रुपये की गैस की दवा खा जा रहे लोग, कैंसर तक का कारण बन सकती है यह

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 15 Sep 2022 10:48 AM (IST)

    एनपीपीए ने 26 दवाओं को आवश्यक सूची से हटा दिया है। इनमें चर्चित दवा रेनिटिडिन भी है। डॉक्टर इस दवा को पेट में गैस न बनने के लिए देते हैं लेकिन तमाम शुरुआती शोध और चर्चा के नतीजों को देखते हुए इसे कैंसर का एक कारण माना जा रहा है।

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    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन सभी दवाओं को आवश्यक सूची से हटा दिया है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनपीपीए) ने 26 दवाओं को आवश्यक सूची से हटा दिया है। इन 26 दवाओं में चर्चित दवा रेनिटिडिन भी है। डॉक्टर इस दवा को पेट में गैस न बनने के लिए मरीज को देते हैं, लेकिन अब तमाम शुरुआती शोध और चर्चा के नतीजों को देखते हुए इसे कैंसर का एक कारण माना जा रहा है। यही वजह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन सभी दवाओं को आवश्यक सूची से हटा दिया है।

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    धनबाद में हर महीने 10 करोड़ रुपये की दवा की होती है खपत

    दवा खपत के मामले में धनबाद कोयलांचल रांची और जमशेदपुर के बाद तीसरे नंबर पर आता है। स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो केवल धनबाद में हर महीने लगभग 10 करोड़ रुपये का दवा का कारोबार होता है। सबसे ज्यादा दवा प्रदूषण जनित बीमारियों के कारण मरीज खा रहे हैं। इसके बाद जीवनशैली में बदलाव के कारण ब्लड प्रेशर और मधुमेह के मरीजों की संख्‍या है। धनबाद में प्रत्येक महीने लगभग 50 लाख रुपये की गैस की दवा लोग खा जा रहे हैं। यहां गैस की दवा सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर खूब लिखते हैं। मरीजों को कोई भी दवा लिखने से पहले डॉक्टर गैस की दवा लिखना नहीं भूलते, लेकिन अब ताजा रुझान को देखते हुए रेनिटिडिन को काफी खतरनाक माना जा रहा है।

    इन 26 दवाओं को आवश्यक सूची से हटाया गया

    नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनपीपीए) ने अल्टेप्लेस , एटेनोलोल, ब्लीचिंग पाउडर, कैप्रोमाइसिन, सेट्रिमाइड, क्लोरफेनिरामाइन, दिलोक्सैनाइड फ्यूरोएट , डिमेरकाप्रोलो , एरिथ्रोमाइसिन, एथिनिल एस्ट्राडियोल , एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी), गैनिक्लोविर, कनामाइसिन , लैमिवुडिन-ए + नेविरापीन-बी+ स्टावूडीन-सी, लेफ्लुनोमाइड, मेथिल्डोपा, निकोटिनामाइड , पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी, पेंटामिडाइन (Pentamidine), प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी), प्रोकार्बाज़िन, रैनिटिडीन, रिफाब्यूटिन, स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी), सुक्रालफेट और सफेद पेट्रोलेटम को आवश्यक दवाओं की लिस्ट से हटा दिया गया है।

    कैंसर के कारकों को लेकर दुनिया भर में चिंता का विषय

    धनबाद के ड्रग इंस्पेक्टर चंदन कश्यप ने बताया कि कैंसर से संबंधित चिंताओं के लिए रेनिटिडिन दुनिया भर में जांच के दायरे में है। इसकी जांच 2019 से चल रही है। दवा नियामकों ने रैनिटिडिन युक्त दवाओं के नमूनों में कैंसर पैदा करने वाली गड़बड़ी एन-नाइट्रो सोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) को ‘अस्वीकार्य स्तर’ पर पाया था। इसके बाद भारत में भी इसकी लगातार जांच चल रही है।