ATM में ठगी का नया तरीका! फेवीक्विक और प्लास्टिक के टुकड़े से बना रहे ग्राहकों को निशाना
धनबाद में एटीएम से ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं जो एटीएम मशीनों में प्लास्टिक या फेवीक्विक का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। ग्राहक के खाते से पैसे कट जाते हैं लेकिन कैश नहीं निकलता जिसे बाद में ठग निकाल लेते हैं। पुलिस ने कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया है लेकिन सतर्कता ही बचाव है।

शशि भूषण, धनबाद। गोविंदपुर के खरकाबाद निवासी अमरनाथ सरायढेला के निजी बैंक के एटीएम में चार हजार रुपये निकालने निकालने गये थे। उन्होंने चार हजार रुपये निकासी की प्रक्रिया पूरी की, लेकिन मशीन से रुपये बाहर नहीं निकले। जबकि, उनके मोबाइल में एकाउंट से रुपये डेबिट होने का मैसेज आ गया।
वह निराश होकर इधर-उधर घूमने लगे। इसी बीच एक अन्य व्यक्ति एटीएम पहुंचा। उसकी नजर मशीन के रुपये निकासी वाली कैबिनेट पर पड़ी। जब उसे गौर से देखा तो उसमें प्लास्टिक का टुकड़ा लगा था।
प्लास्टिक निकालते ही अमरनाथ के चार हजार रुपये दिख गए। रुपये कैबिनेट में ही फंसे थे। उसके बाद अमरनाथ ने इस पूरी घटना की वीडियो भी बनाया। यह मामला चार दिन पूर्व का है।
एटीएम से नगद निकासी करने वाले ग्राहकों को ठगने का ठगों ने नया फार्मूला ईजाद किया है। एटीएम में कैश निकलने की जगह शातिर प्लास्टिक की पट्टी चिपका रहे हैं।
रुपये निकासी के लिए पहुंचे ग्राहक के खाते से पैसा तो कट जाता है। मगर मशीन से कैश बाहर नहीं निकलता है। ग्राहक के एटीएम से बाहर निकलते ही एटीएम के ईद-गिर्द रहने वाले शातिर रुपये निकाल लेते हैं।
धनबाद जिले के विभिन्न स्थानों में लगे एटीएम से छेड़छाड़ कर लोगो को ठगी का शिकार बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। ऐसे संगठित गिरोह बनाकर अपराधी लोगो की कमाई को ठग रहे है।
जिले में विभिन्न बैंकों के करीब 370 से भी अधिक एटीएम हैं। इनमें से अधिकांश बैंक एटीएम में सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं हैं। ऐसे बैंक एटीएम पर शातिर ठगों की नजर हैं वह लगातार इन एटीएम को अपना निशाना बना रहे हैं।
पांच रुपये के फेवीक्विक से बनाते हैं शिकार
एटीएम से ठगी करने वाला गिरोह महज पांच रुपए की फेवीक्विक से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इन शातिरों के निशान में वैसे एटीएम मशीन हैं जहां सुरक्षा कर्मियों की तैनाती नहीं है।
शहर के बीच ऐसे दर्जनों एटीएम मशीन जहां सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं हैं। उन एटीएम मशीनों को शातिर निशाना बना रहे हैं और लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
दरअसल ठगी करने वाले बेहद शातिराना ढंग से एटीएम मशीन के एटीएम कार्ड डालने वाले जगह पर फेवीक्विक डाल देते हैं जैसे ही कोई कार्ड डालता है वह कार्ड उसमें चिपक जाता है।
ग्राहक को लगता है कि कार्ड फंस गया। केवल यही नहीं केंसिल बटन में भी फेवीक्विक डालकर शातिर ठग उसे निष्क्रिय कर देते हैं और ट्रांजक्शन खत्म होते ही आस-पास खड़े शातिर उसे फिर से सक्रिय कर रुपये की निकासी कर लेते हैं। ऐसी दर्जनों घटनाओं को शातिर ठग अंजाम दे चुके हैं।
पुलिस ने गिरोह के सदस्य को किया गिरफ्तार
रविवार को पुलिस के हत्थे एटीएम से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का एक सदस्य हत्थे चढ़ गया। वहीं दो अन्य भागने में सफल हो गया। गिरफ्तार अपराधी के पास से पेचकस,पलास और एटीएम कार्ड जब्त किया है।
गोविंदपुर थाना प्रभारी विष्णु प्रसाद राउत ने कहा कि संगठित गिरोह बनाकर एटीएम में छेड़छाड़ अपराधी कर रहा है। अमरपुर के कुछ ग्रामीण एक व्यक्ति को पकड़ कर गोविन्दपुर थाना पर आए।
ग्रामीणों ने बताया की उक्त व्यक्ति उपर बाजार एटीएम में घुस कर पेचकस एवं पिलास की मदद से एटीएम मशीन में छेडछाड कर रहा था, जिसे ग्रामीणों द्वारा पकड़ लिया गया हैं।
कई शातिर जा चुके हैं जेल
23 जुलाई को तीन साइबर ठगों को कालूबथान ओपी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से दो एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और एक मोटरसाइकिल जब्त की गई थी। जब पूछताछ की तो उन्होंने साइबर ठगी में संलिप्त होने की बात स्वीकार की थी।
पहले ऐसे होती थी ठगी
अभी तक धनबाद में ठगी के जो मामले सामने आए थे वह साधारण तरीके के थे। इसमें आम लोग ठगों का टारगेट होते थे।
- एटीएम कार्ड ब्लाक का डर दिखाकर डिटेल, ओटीपी पूछकर ठगी करना।
- एटीएम बूथ के बाहर खड़े होकर एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करना
- एटीएम मशीन में सर्वर डाउन होने की बात कहकर ठगी करना
- कस्टमर केयर, ई-वालेट में कैश बैक के नाम पर ठगी
- अब जब लोग ठगी के पुराने तरीके समझने लगे और अलर्ट हुए तो ठगों ने पैटर्न बदल दिया। अब वह एटीएम मशीन, आटोमेटिक डिपोजिट-विड्राल मशीन से छेड़छाड़ कर ठगी की वारदात को अंजाम देने लगे हैं।
एटीएम से ठगी का मामला पूरी तरह जागरूकता और सतर्कता से जुड़ा हुआ है। सभी को इसके लिए सतर्क होना आवश्यक हैं। एटीएम व बैंकों में इसको लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है बावजूद इसके सतर्कता की कमी से लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इस संबंध में सभी बैंक को पत्र लिखा जाएगा कि वे अपने-अपने स्तर से लोगों के बीच और अधिक जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने का काम करें। -अमित कुमार, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।