परदेसी मुर्मू एक विचारधारा का नाम है : आनंद
धनसार देश के प्रधान सेवक को कमजोर वर्ग के हितों का ध्यान रखना होगा। मासस के सिपाही शोषण मुक्त समाज के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उक्त बातें मंगलवार को बस्ताकोला स्थित लाहबेड़ा मांझी बस्ती पार्क में मासस व आदिवासी नेता परदेसी मुर्मू की छठी श्रद्धांजलि सभा में मासस के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक आनंद महतो ने कही। कहा कि परदेसी मुर्मू एक विचारधारा का नाम है।

संस, धनसार : देश के प्रधान सेवक को कमजोर वर्ग के हितों का ध्यान रखना होगा। मासस के सिपाही शोषण मुक्त समाज के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उक्त बातें मंगलवार को बस्ताकोला स्थित लाहबेड़ा मांझी बस्ती पार्क में मासस व आदिवासी नेता परदेसी मुर्मू की छठी श्रद्धांजलि सभा में मासस के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक आनंद महतो ने कही। कहा कि परदेसी मुर्मू एक विचारधारा का नाम है। उन्होंने पूर्व सांसद एके राय के नेतृत्व में आदिवासी ग्रामीण व गरीब तबके को गोलबंद कर लड़ाई लड़ी थी। 37 आदिवासी व ग्रामीणों को जमीन के बदले नियोजन दिया गया। उनके कारण ही यहां बीसीसीएल की महत्वाकांक्षी परियोजना विश्वकर्मा प्रोजेक्ट अस्तित्व में आया। पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि ग्रामीणों के बंटे रहने के कारण ही रंगदार व माफिया उनका शोषण करते हैं। परदेसी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। जमसं बच्चा गुट के वरीय नेता योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान, मजदूर व गरीब तबके के लोग बेहाल हैं। परदेसी बगैर भेदभाव के राजनीति कर अन्य नेताओं के लिए मिसाल बन गए। मासस के जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू ने कहा कि बलिदान का दूसरा नाम परदेसी मुर्मू है। कार्यक्रम की शुरुआत में पुत्र सुभाष मुर्मू ने पिता परदेसी के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके बाद अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। मौके पर अमर सिंह, हलधर महतो, पवन महतो, बिदा पासवान, निरंजन कुमार, सुभाष चटर्जी, गणेश दीवान वर्मा, निरमोहन मिश्रा, अख्तर अंसारी, बसीर अंसारी, हरेमुरारी महतो, नंदलाल महतो, पारस यादव, शिवदत्त कुमार, नवल किशोर पासवान, किशोर मुर्मू, धर्म बाउरी, टुन्नू गुप्ता, बौधा भुइयां, अरशद अली, पप्पू पासवान आदि थे।
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