मानटांड़ के ग्रामीण जीवन शैली में बदलाव लाकर कोरोना को दे रहे मात
तोपचांची चितरपुर पंचायत के मानटांड़ गांव के ग्रामीण अपनी सजगता जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव लाकर कोरोना को मात दे रहे हैं। इस गांव की आबादी करीब 120 ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, तोपचांची : चितरपुर पंचायत के मानटांड़ गांव के ग्रामीण अपनी सजगता, जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव लाकर कोरोना को मात दे रहे हैं। इस गांव की आबादी करीब 1200 है। कोरोना काल की पहली लहर के दौरान ही यहां के ग्रामीणों ने अपनी जीवन शैली को पूरी तरह से बदल लिया था, जिसके कारण न सिर्फ पहली बल्कि दूसरी लहर में भी कोई ग्रामीण संक्रमित नहीं हुआ। यहां लोग बिना किसी आवश्यक कार्य के घर से बाहर नहीं निकलते हैं। सरकारी की गाइडलाइन का पालन, मास्क तथा साफ सफाई यहां के ग्रामीणों की मूल मंत्र है। गांव की स्वच्छ हवा तथा अपने खेतों में उगाई गई हरी-हरी सब्जियां इनकी इम्युनिटी को सालो भर बनाए रखती है। कड़ी मेहनत है इनका व्यायाम :
गांव के लोग सुबह जल्दी उठते हैं और अपने खेतों तथा बगानों में दिन भर कड़ी मेहनत करते हैं, जिससे उनका व्यायाम हो जाता है। वहीं महिलाएं भी अपनी शरीर को स्वच्छ रखने के लिए सुबह-सुबह जल्दी उठ कर घर के कार्य में लग जाती है और जंगलों से सूखी लकड़ियां लाने के लिए निकल जाती हैं। जरूरत होने पर ही गांव से बाहर जाते हैं ग्रामीण :
यहां के ग्रामीण आवश्यक कार्य होने पर ही गांव से बाहर निकलते हैं। रोजमर्रा की चीजें गांव की दुकान से खरीदते हैं। बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश नहीं हो, इसको लेकर ग्रामीण लगातार निगरानी करते हैं। अनजान लोगों को कोरोना के नियम का पालन करवाकर ही गांव में घुसने देते हैं। सभी मास्क तथा साफ सफाई का ध्यान रखते हैं। कोरोना को लेकर सरकार के द्वारा जो निर्देश जारी किया गया है, उसे हम सभी पालन करते आ रहे हैं, जिसके कारण आज तक कोई भी ग्रामीण संक्रमित नहीं हुआ।
- मोहन दास, ग्रामीण
पहली लहर में सरकार के निर्देशों के तहत ग्रामीणों को जागरूक करने का अभियान पूरे पंचायत में चलाया गया था, जिसका सुखद परिणाम नजर आ रहा है। अभी टीकाकरण को लेकर पूरे पंचायत में जागरूकता अभियान के तहत वाल पेंटिग करवाया जा रहा है और उसका भी फायदा होगा।
-रीना देवी, प्रधान, चितरपुर पंचायत

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