SAIL: वेतन समझौते पर मजदूर संगठनों और प्रबंधन के बीच बढ़ा विवाद, बोकारो स्टील प्लांट में आज एक दिवसीय हड़ताल
SAIL एनजेसीएस व गैर एनजेसीएस श्रमिक संगठन के नेता हड़ताल को सफल करने में जुट हैं। उनका कहना है-कंपनी के मुनाफा में आने के बावजूद संयंत्रकर्मियों को सम्मानजनक वेतन नही दिलाया जा सका तो यह भविष्य में उनके अन्य मूलभुत हक व अधिकार की मांग के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
जागरण संवाददाता, बोकारो। वेतन पुनरीक्षण को लेकर स्टील अथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( SAIL) प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच टकराव बढ़ गया है। प्रबंधन की अपील को नजरअंदाज करते हुए मजदूर संगठनों ने बुधवार ( 30 जून) को एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल से बोकारो समेत सेल की इकाईयों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। मजदूर संगठनों ने आवश्यक सेवाओं-जैसे ऑक्सीजन आदि बाधित न करने का निर्णय लिया है। सेलकर्मियों के वेतन पुनरीक्षण के मसले पर 30 जून को ऐतिहासिक हड़ताल की घोषणा श्रमिक संगठनों ने कर दी है।
हड़ताल सौ फीसद सफल होने का दावा
एनजेसीएस व गैर एनजेसीएस श्रमिक संगठन के नेता हड़ताल को सफल होने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी के मुनाफा में आने के बावजूद यदि आज संयंत्रकर्मियों को सम्मानजनक वेतन नही दिलाया जा सका तो यह भविष्य में उनके अन्य मूलभुत हक व अधिकार की मांग के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। इसलिए हड़ताल ही अब एक मात्र विकल्प रह गया है। बुधवार को बोकारो इस्पात सहित पूरे सेल में कंपनी का चक्का पूरी तरह से जाम रहेगा। जिसमें कर्मचारियों के साथ बढ़-चढ़ कर ठेका श्रमिक भी शामिल होंगे। चूंकि प्रबंधन के शोषण का शिकार ठेका मजदूर भी है। इसलिए यह हड़ताल उनके अधिकार के रक्षा के लिए भी की जा रही है। इस बीच प्रबंधन के आला अधिकारी एनजेसीएस के सभी राष्ट्रीय नेताओं से देर रात तक फोन के माध्यम से लगातार संपर्क में है। जहां हड़ताल को टाल कर वार्ता से मसले का समाधान किया जा सके। इसके लिए आगामी छह जुलाई को पांचों एनजेसीएस घटक दल की नई दिल्ली में फिजिकल बैठक का प्रस्ताव प्रबंधन ने यूनियन नेताओं को दिया है। लेकिन वे 30 जून को हड़ताल करने के बाद ही अब वार्ता करने की जिद पर अड़ गए है।
बोकारो इस्पात संयंत्र में हड़ताल को विफल करने के लिए प्रबंधन पूरी ताकत लगा दी है। मंगलवार से ही रात्रि पाली में ठेका श्रमिकों को अगले चौबीस घंटे ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया गया है। वही संयंत्र के अधिकारियों की भी ड्यूटी आठ के बजाए बारह से चौदह घंटे के लिए कर दी गई है। उत्पादन के द्ष्टिकोण से कंपनी के महत्वपूर्ण विभाग कोक-अवन, ब्लास्ट फर्नेस एसएमएस, हॉट स्ट्रीप मिल व सीआरएम-तीन आदि विभाग में युवा अफसरों को ड्यूटी का कमान सौंपा गया है। जहां विशेष परिस्थिति में वे मशीनरी संसाधनों का स्वयं संचालन कर उत्पादन की गति को प्रभावित नही होने दे। वही नगर सेवा विभाग को भी ताकीद की गई है की शहर में बिजली, पानी आदि की समस्या हड़ताल के कारण प्रभावित नही हो, इसलिए अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद रहें।
सेल के इतिहास में 30 जून 2021 का समय ऐतिहासिक हड़ताल के रूप में जाना जाएगा। यह नेताओं की नही मजदूरों के एकता की लड़ाई है। यह दिन प्रबंधन को उनके हठधर्मिता के कारण उन्हें दिखाना पड़ रहा है। यह तो अभी झांकी है, पिक्चर अभी बाकी है। राजेंद्र सिंह, महामंत्री किंम्स सह एनजेसीएस सदस्य ।