Railways Security Helpline Number: जय हिंद श्रीमान ! रेलवे हेल्पलाइन नंबर से बोल रहा हूं... आपकी क्या मदद कर सकता हूं
पैसेंजर फ्रेंडली हो रही रेलवे ने अपने हेल्पलाइन नंबर के जरिए दी जानेवाली सुविधा को बेहतर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए आरपीएफ के डीजी अरूण क ...और पढ़ें

धनबाद, जेएनएन। जय हिंद श्रीमान ! रेलवे सुरक्षा हेल्पलाइन 182... । मैं प्रधान आरक्षी शंभू...आपकी क्या मदद कर सकता हूं। रेलवे के सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते ही जैसे ही फोन रिसिव होगा, आपको ऐसी ही आवाज सुनने को मिलेगी। फिर आवाज आएगी, जी सर, आपका कॉल गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए रिकॉर्ड किया जा रहा है। चिंता की कोई बात नहीं, क्या मैं आपका पूरा विवरण जान सकता हूं...। मैनें आपकी शिकायत दर्ज कर ली है, शिकायत नंबर आप अपने मोबाइल पर देख सकते हैं...। आप चाहें तो नंबर लिख कर भी रख सकते हैं। हम आपके लिए सहायता भेज रहे हैं, वो आप तक पांच मिनट में पहुंच जाएंगे। आप चाहें तो ऑन ड्यूटी ऑफिसर से भी बात कर सकते हैं, उनका मोबाइल नंबर लीजिए...। रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के लिए धन्यवाद, शुभ यात्रा...।
पैसेंजर फ्रेंडली हो रही रेलवे ने अपने हेल्पलाइन नंबर के जरिए दी जानेवाली सुविधा को बेहतर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए आरपीएफ के डीजी अरूण कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने सभी रेल मंडलों में रेलवे के सिक्योरिटी कंट्रोल रूम के पास रेलवे सिक्योरिटी हेल्पलाइन कॉल सेंटर की शुरुआत करने का निर्देश भी दिया है।
क्यों लिया गया निर्णय
दरअसल, रेलवे के सिक्योरिटी हेल्पलाइन के स्टडी के दौरान पाया गया कि कॉल करने वालों से आरपीएफ जवान नम्रता से पेश नहीं आते हैं और न ही अपनी पहचान बताते हैं। यात्रियों की ऐसी शिकायत भी है कि कॉल रिसीव करने वाला शख्स ट्रेंड नहीं होता जिससे उनकी समस्याओं के समाधान को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। हेल्पलाइन की मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि इसमें कई बदलाव किए जा रहे हैं।
सीनियर कमांडेंट लेंगे जायजा
हेल्पलाइन सेंटर का सीनियर कमांडेंट महीने में एक बार जायजा लेंगे। इस दौरान यात्रियों के रिकॉर्ड किए गए कॉल डिटेल्स में से कम से कम 10 फीसद को सुनेंगे। इस दौरान कॉल रिसीव करने वाले की बेअदबी पकड़ी गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
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- कॉल करने के बाद मोबाइल पर जाएगा एसएमएस
- शिकायत करने वालों का प्रतिदिन तैयार होगा रजिस्टर
- शिकायत मिलने पर ऑन ड्यूटी अफसर घटनास्थल पर जाएंगे और तत्काल कार्रवाई भी करेंगे।
- आरपीएफ के दायरे से बाहर वाले कॉल को भी अटेंड करेंगे और उसे संबंधित पुलिस को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

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