अब असाध्य रोगों की दवा और स्वास्थ्य उपकरण पर शोध करेगा धनबाद का IIT ISM
यह शोध बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होगा। इस शोध में कई साध्य और असाध्य बिमारियों के लिए न केवल दवा तैयार किया जाएगा बल्कि स्वास्थ्य उपकरण बनाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए दोनों संस्थानों के बीच एमओयू किया गया है।
जेएनएन, धनबाद: आइआइटी-आइएसएम अब राज्य के अन्य संस्थानों के साथ मिलकर शोध करेगा, ताकि राज्य ही नहीं, बल्कि देश के आम लोगों को इस शोध का लाभ मिल सके। इसी कड़ी में आइएसएम ने देवघर एम्स के साथ मिलकर शोध करने की योजना बनाई है।
यह शोध बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होगा। इस शोध में कई साध्य और असाध्य बिमारियों के लिए न केवल दवा तैयार किया जाएगा बल्कि स्वास्थ्य उपकरण बनाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए दोनों संस्थानों के बीच एमओयू किया गया है। आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर तथा एम्स के कार्यकारी निदेशक डाॅ. सौरभ ने करार पर हस्ताक्षर कर इस योजना की शुरूआत कर दी है। इसमें शोध, प्रशिक्षण और शैक्षणिक पर सहमति बनी है।
आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने बताया कि ड्रग्स के क्षेत्र में हम काम शुरू करेंगे। केमिकल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग व अन्य विभाग इस दिशा में काम करेगा। फर्मास्टूटिकल समेत अन्य विभाग मिलकर इंटर डिसिप्लीनरी प्रोग्राम शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि एमओयू के बाद अब योजनाओं पर काम शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत आइआइटी आइएसएम के विशेषज्ञ, प्रोफेसर व चिकित्सक मिलकर बीमारियों के उपचार के लिए दवा की खोज करेंगे। शोध के क्षेत्र को मिलकर उसकी पहचान की जाएगी। वहीं इसके तहत छात्र-शिक्षक एक्सचेंज प्रोग्राम, बायोफिजिक्स पर काम करेंगे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में बायोटेक्नॉलाजी प्रयोगशाला का भी निमार्ण किया जाएगा, जिसका लाभ आम लोगों को भी मिल सके। प्रो. शेखर ने बताया कि इस दिशा में करीब दो माह से कार्ययोजना तैयार की जा रही थी, जिसके बाद सभी बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद अब योजना पर काम करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है।
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