डोंट वरी! अब 45 मिनट पहले मिलेगी वज्रपात की सटीक जानकारी, जानिए
आइआइटी के पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के सुरेश पांडयन ने बताया कि वज्रपात की पहले जानकारी मिलने पर जानमाल की क्षति काफी कम होगी।
धनबाद, जेएनएन। IIT-ISM अब वज्रपात की जानकारी 45 मिनट पहले देगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटलर्जी (आइआइटीएम) ने इन्वायरमेंटल एंड इंजीनियरिंग विभाग में 'अर्थ नेटवर्क लाइटनिंग सेंसर मशीन' लगाई। यह धनबाद और आसपास के इलाके में वज्रपात की जानकारी 45 मिनट पहले देगा। अभी तक झारखंड में रांची विवि में ही यह मशीन लगी हुई है। भारत सरकार के इस प्रोजेक्ट को देशभर में लगाने का जिम्मा अमेरिकी कंपनी अर्थ नेटवर्क और पॉल्यूशन इक्विपमेंट एंड कंट्रोल को दिया गया है।
आइआइटी के पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग के सुरेश पांडयन ने बताया कि वज्रपात की पहले जानकारी मिलने पर जानमाल की क्षति काफी कम होगी। आने वाले दिनों में मोबाइल और एसएमएस के जरिए वज्रपात की जानकारी मिल सकेगी। इसपर काम होगा। सेंसर मशीन से आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे और भविष्य में इसपर शोध भी होगा।
बेकार की चीज से बन सकती है चूड़ी, ऑनलाइन हो सकता है स्ट्रीट फूड
आइआइटी आइएसएम के करियर डेवलपमेंट सेंटर और डिजिटल रास्ता की ओर से 29 को कैंपस में स्टार्ट अड्डा का आयोजन किया जाएगा। इसमें धनबाद के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का आइडिया लिया जा रहा है। बुधवार को ईडीसी सभागार में इसको लेकर कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें छात्रों ने अपना-अपना आइडिया दिया। इस दौरान 50 आइडिया का चयन किया गया। प्रो.सतीश कुमार ने स्टार्टअप खड़ा करने का तरीका बताया। पहले बिजनेस मॉडल बनाया जाता है, इसके बाद रेवेन्यू मॉडल तैयार होता है। उन्होंने कई आइडिया पर सुधार करने की बात कही। तीन दिन का समय है, तब तक इसे ठीक किया जा सकता है। इसके बाद सभी छात्रों को इनोवेशन सेंटर ले जाया गया। ऐसे छात्र जो अपने आइडिया के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकें हैं वो 29 को सुबह नौ बजे पंजीयन करा सकेंगे।
- इन आइडिया को मिली सराहना
- वेस्ट मैटेरियल्स से चूड़ी बनाना
- स्ट्रीट फूड को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाना
- योगा के लिए ऑनलाइन ट्रेनर मुहैया कराना
- स्मार्ट वॉच
- मोबाइल एप से ब्रीफकेस बंद करना
- जिस तरह से घरों में सुबह दूध पहुंचता है, उसी तरह फूल पहुंचाना