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    Ayodhya Ram Mandir: पैसे नहीं... तो उधार की साइकिल लेकर धनबाद से अयोध्या चल पड़ा 20 साल का युवा रामभक्त

    By Ashish Singh Edited By: Shashank Shekhar
    Updated: Sat, 20 Jan 2024 03:49 PM (IST)

    प्रभु राम का विग्रह का रूप अयोध्या धाम में 22 जनवरी को स्थापित हो जाएगा। रामलला के विहंगम स्वरूप के दर्शन को हर आंख में एक अलग ही चमक बिखेर रही है। इन्हीं में से एक धनबाद के सौरव अपनी आंखों में श्रीराम की मूरत लिए दर्शन को अयोध्या धाम साइकिल से ही निकल पड़े हैं। बारामुड़ी के सौरव रविवार को अयोध्या नगरी पहुंच जाएंगे।

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    Ayodhya Ram Mandir: पैसे नहीं... तो उधार की साइकिल लेकर धनबाद से अयोध्या चल पड़ा 20 साल का युवा रामभक्त

    आशीष सिंह, धनबाद। प्रभु श्रीराम का विग्रह का स्वरूप अयोध्या धाम में 22 जनवरी को स्थापित हो जाएगा। रामलला के विहंगम स्वरूप के दर्शन को हर आंख में एक अलग ही चमक बिखेर रही है। इन्हीं में से एक धनबाद के सौरव अपनी आंखों में श्रीराम की मूरत लिए दर्शन को अयोध्या धाम साइकिल से ही निकल पड़े हैं।

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    बारामुड़ी के सौरव रविवार को अयोध्या नगरी पहुंच जाएंगे। बहुत ही साधारण परिवार के सौरव की धनबाद से अयोध्या की यह साइकिल यात्रा भी तमाम झंझावतों के साथ शुरू हुई, लेकिन अब इसका फलाफल दिखने लगा है। मन में श्रीराम की छवि बसाए सौरव ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत उधार की वस्तुओं से की है।

    साइकिल दोस्त की है, रास्ते का खर्च भाई चिरंजीवी और कुछ दोस्तों ने दिया। सौरव के पास अपना सिर्फ श्रीराम के दरबार में नतमस्तक होने का जज्बा भर है।

    घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं- सौरव

    सौरव ने बताया कि पूरा देश राममय है। उन्होंने भी सोचा की अयोध्या धाम जाकर रामलला का दर्शन करना चाहिए। अपनी इच्छा स्वजन और दोस्तों को बताई तो पहले सभी आश्चर्यचकित हुए। इसके बाद मेरे निर्णय का सम्मान किया। उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

    सोचा अब श्रीराम की नगरी की यात्रा कैसे पूरी होगी। वो कहते हैं न, होइहि सोई जो राम रचि राखा। प्रभु श्रीराम ने मन की सुन ली। दोस्त ने साइकिल दे दी। 150 रुपये खर्च की साइकिल की मरम्मत कराई।

    बड़े भाई चिरंजीवी और कुछ दोस्तों ने चंदा कर कुछ रुपये रास्ते के खर्च के लिए दे दिए। ठंड को देखते हुए परिवार ने रास्ते के लिए गर्म कपड़ों की गठरी बांध दी। 16 जनवरी को आठ लेन सड़क होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग का रास्ता लिया और अयोध्या के लिए निकल पड़े। शनिवार शाम तक सौरव अयोध्या से 75 किमी पहले थे।

    रविवार को अयोध्या पहुंच जाएंगे। 22 को प्राण-प्रतिष्ठा के दिन श्रीराम का दर्शन करना तो मुश्किल होगा, लेकिन अगले कुछ दिन रुक दर्शन करने का प्रयास करेंगे। सौरव आरएसपी कालेज झरिया से स्नातक कर रहे हैं। इनकी उम्र 20 वर्ष है।

    हर दिन 120 किमी चलाई साइकिल

    सौरव ने बताया कि धनबाद से अयोध्या की दूरी 660 किमी है। 16 जनवरी को यात्रा शुरू की। हर दिन 120 किमी साइकिल चलाई। उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर धुंध का भी काफी सामना करना पड़ा। तेज ठंडी हवा और कुहासे के कारण रफ्तार धीमी पड़ जाती थी।

    कुछ फीट की दूरी पर भी सामने की चीज दिखाई नहीं देती थी। सड़क का किनारा पकड़े किसी तरह आगे बढ़ते रहे। कई बार तो ऐसा हुआ किसी ट्रक या अन्य गाड़ी की रोशनी में पीछे-पीछे साइकिल भगाई। रात रास्ते में किसी न किसी ढाबे पर गुजार लेते थे।

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