मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना से पानी के लिए अभी करना होगा एक साल इंतजार, अब तक 60 फीसद ही हुआ काम Dhanbad News
गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से मैथन व पंचेत डैम से 430 गांवों तक पेयजल उपलब्ध कराना है। योजना की निविदा टहल कंपनी को मिली है। इस योजना को दो भाग उत्तर व दक्षिण में बांटा गया है।

मैथन [ श्रवण कुमार ]। 729 करोड़ की गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए और एक साल इंतजार करना पड़ेगा। मैथन और पंचेत डैम से गोविंंदपुर व निरसा के 430 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की योजना इस साल पूरी होने की संभावना कम है। एकरारनामा के तहत योजना इस साल पूरी हो जानी चाहिए थी। लेकिन अभी तक 60 फीसद ही काम पूरा हो पाया है। पंचेत डैम में बनने वाले इंटेकवेल के ड्राइंग की प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं हुई है। कलियासोल के पाथरकुआं व निरसा के देवियाना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है। 430 गांवों में जलापूर्ति पाइप लाइन बिछाने का कार्य ठीक से आरंभ नहीं हुआ है। इन कारणों से निर्धारित समय पर योजना पूर्ण होने में देरी हो रही है।
मैथन व पंचेत डैम से 430 गांवों को उपलब्ध कराना पेयजल
गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से मैथन व पंचेत डैम से 430 गांवों तक पेयजल उपलब्ध कराना है। योजना की निविदा टहल कंपनी को मिली है। इस योजना को दो भाग उत्तर व दक्षिण में बांटा गया है। गोविंदपुर-निरसा उत्तर से मैथन डैम से 301 गांव और दक्षिण से पंचेत डैम से 129 गांव में जलापूर्ति की योजना है। उत्तरी भाग का इंटेकवेल मैथन डैम व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट देवियाना में होगा। वाटर ट्रीटमेंट से 62 एमएलडी जलापूर्ति की क्षमता होगी। निरसा में पांच व गोविंदपुर में 12 जलमीनार होगी। वहीं दक्षिणी भाग का इंटेकवेल पंचेत डैम व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पाथरकुआं में होगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 32 एमएलडी जलापूर्ति की क्षमता होगी। इसमें 12 जलमीनार होगी।
इंटेकवेल नहीं बनने से योजना में देरी
पंचेत डैम में बनाए जाने वाले इंटेकवेल के ड्राइंग की प्रशासनिक स्वीकृति में विलंब के चलते योजना में देरी हो रही है। पंचेड डैम में फ्लोटिंग इंटेकवेल बनाने की योजना है जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। इंटेकवेल के निर्माण में जितना विलंब होगा योजना पूर्ण होने में उतनी ही देरी होगी।
गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य बहुत ही धीरे चल रहा है। इसी तरह काम होता रहा तो एक साल नहीं दो-तीन साल पूरा होने में लग जाएगा। निर्माण में भी अनियमितता बरती जा रही है।
-अरुप चटर्जी, पूर्व विधायक, निरसा
गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य 60 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। वाटर ट्रीमेंट प्लांट, जलमीनार का निर्माण, पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।
-रतन खलको, कनीय अभियंता, पेयजल विभाग

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