धनबाद मेडिकल कॉलेज की लापरवाही: ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के मरीज को चढ़ा दिया बी पॉजिटिव खून
यहां मेडिकल वार्ड में भर्ती जॉन्डिस के एक मरीज गिरिडीह के चैताडीह निवासी 32 वर्षीय इमानुद्दीन अंसारी को अस्पताल के कर्मियोंं ने ओ पॉजिटिव की जगह बी पॉ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, धनबाद: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में भारी लापरवाही उजागर हुई है। यहां मेडिकल वार्ड में भर्ती जॉन्डिस के एक मरीज गिरिडीह के चैताडीह निवासी 32 वर्षीय इमानुद्दीन अंसारी को अस्पताल के कर्मियोंं ने ओ पॉजिटिव की जगह बी पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया है। मेडिकल कॉलेज में इतनी बड़ी लापरवाही से मरीज के स्वजन सकते में हैं।
मामले का पता चलने के बाद शनिवार की दोपहर मरीज के घरवालों ने ब्लड बैंक में जाकर हो हंगामा शुरू कर दिया। पहले तो ब्लड बैंक वालों ने अपनी इस गलती को सही साबित करने की कोशिश की, लेकिन जब अलग अलग ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट देखी, तब पता चला कि मरीज का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है। ब्लड बैंक में जांच के दौरान कर्मियों की लापरवाही से बी पॉजिटिव लिख दिया गया था। इसके बाद ब्लड बैंक के कर्मचारियों के भी होश उड़ गए।
तबीयत खराब होने पर छह नवंबर को किया गया है अस्पताल में भर्ती
मरीज के घर वालों ने बताया कि तबीयत खराब होने के बाद उसे पहले गिरिडीह के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां से धनबाद रेफर कर दिया गया। मरीज को छह नवंबर को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में बेड नंबर 13 में भर्ती कराया गया। जांच करने के बाद डॉक्टरों ने जॉन्डिस बीमारी बताई। इसके बाद बताया गया कि मरीज के शरीर में खून की कमी हो रही है। इस वजह से दो यूनिट ब्लड चढ़ाना जरूरी है। मरीज के इलाज की पर्ची में ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव लिखा हुआ है, लेकिन ब्लड बैंक में जांच के दौरान बी पॉजिटिव कर दिया गया। एक बार फिर मरीज के ब्लड ग्रुप की जांच की गई। इसमें भी रिपोर्ट ओ पॉजिटिव पाई गई।
अधीक्षक से की गई शिकायत
मरीज के घर वालों ने इसकी शिकायत गिरिडीह जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हसनैन अली से की। अली ने इसकी शिकायत अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरुण कुमार वर्णवाल से की। अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। मामला काफी गंभीर है। इस संबंध में ब्लड बैंक के प्रभारी से पूछताछ की जा रही है। मरीज की निगरानी के लिए उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं। इधर, घर वालों का कहना है मरीज के साथ कुछ भी हुआ तो इसका जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन होगा।

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