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    प्रतिरोध दिवस पर गिरिडीह में नक्सलियों ने दिखाई ताकत, मोबाइल टावर के बाद उड़ाया बराकर पुल; जानिए बाैखलाहट की वजह

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:25 AM (IST)

    माओवादी पोलित ब्यूरो प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शाली मरांडी की गिरफ्तारी से नक्सली खासे नाराज हैं। वे 21 से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मना रहे हैं। इस दाैरान झारखंड पुलिस को लगातार चुनाैती दे रहे हैं। गिरिडीह जिले में हिंसा कर रहे हैं।

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    विस्फोट के बाद गिरिडीह के मुफस्सिल क्षेत्र व डुमरी को जोड़ने वाले बराकर पुल का नजारा ( फोटो साैजन्य)।

    जागरण संवाददाता, गिरिडीह। झारखंड में माओवादी बाैखला गए हैं। पुलिस-प्रशासन के विरोध में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राज्य के गिरिडीह जिले में तो पिछले दो दिनों हिंसा जारी है। पहले जियो मोबाइल का दो टावर विस्फोट कर उड़ा दिया। इस घटना की अगली रात बराकर पुल को निशाना बनाया। बिस्फोट कर पुल को उड़ा दिया। माओवादियों की चुनाैती के सामने गिरिडीह पुलिस लाचार है। वह जवाब नहीं दे रही है। इससे माओवादी आपवाली कर रहे हैं। माओवादियों की हिंसा और बढ़ते प्रभाव के कारण लोग चिंचित हैं।

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    माओवादियों के बाैखलाहाट के पीछे की वजह

    भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी नक्सली पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी से नक्सली बाैखला गए हैं। वे झारखंड पुलिस पर बोस और शीला को जेल के अंदर यातना देने का आरोप लगा रहे हैं। झारखंड पुलिस ने पिछले दिनों पश्चिमी सिंहभूम से दोनों को गिरफ्तार किया था। इसके विरोध में माओवादी झारखंड और बिहार में छह दिवसीय प्रतिरोध दिवस ( 21 से 26 जनवरी) मना रहे हैं। 27 जनवरी को झारखंड-बिहार बंद का एलान किया है। प्रतिरोध दिवस के दाैरान माओवादी अपने प्रभाव वाले इलाके में हिंसा कर रहे हैं। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

    डुमरी और मुफस्सिल थाना क्षेत्र में उड़ाया पुल

    भाकपा माओवादियों ने शनिवार आधी रात के बाद उग्रवाद प्रभावित डुमरी व मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बीच बराकर नदी पर पुल को ध्वस्त कर दिया। जबकि शुक्रवार रात को मधुबन व खुखरा थाना क्षेत्र के महुआटांड़ में धमाका कर जियो और एयरटेल का टावर ध्वस्त कर दिया था। माओवादी पोलितब्यूरो के सदस्य प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी को जेल में यातना दिए जाने का आरोप लगाते हुए 21 जनवरी से झारखंड बिहार में छह दिवसीय प्रतिरोध दिवस मनाने व 27 को झारखंड -बिहार बंद करने की घोषणा कर रखी है। प्रशांत को चिकित्सकीय सुविधा देने की मांग को लेकर नक्सली उद्वेलित है। बराकर पुल पर विस्फोट के बाद माओवादियों ने पर्ची छोड़ी है। इस पर 77 वर्षीय प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और शीला मरांडी को स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग की गई है। 

    रात ढाई बजे बराकर पुल को उड़ाया

    शनिवार-रविवार की रात लगभग ढाई बजे गिरिडीह (मू.) क्षेत्र के बारागड़हा कला में बराकर पूल को उग्रवादियों ने बलास्ट कर उड़ाया है। घटनास्थल कोवाड़ -लेदा रोड पर है। यह शासारखो पंचायत में पड़ता है। घटनास्थल डुमरी प्रखंड से 27 किलोमीटर दूर पर नचनिया पहाड़ जाने के रास्ते में है। यह पुल डुमरी प्रखंड अंतर्गत केवी सहाय रोड पर बन रहा था। पुल के एक छोर में धमाका किया गया है।