Dhanbad: चिपको आंदोलन में पर्यावरण की रक्षा के लिए शहीद हो गए थे 363 ग्रामीणों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
पांच जून को पूरे विश्व के अलावा भारत में भी अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। लेकिन भारतीय मजदूर संघ व उनसे संबद्ध भारतीय खदान मजदूर संघ धनबाद कोलियरी कर्मचारी संगठन लगभग 60 वर्षों से देश में 28 अगस्त को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।

गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया: पांच जून को पूरे विश्व के अलावा भारत में भी अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। लेकिन भारतीय मजदूर संघ व उनसे संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ, धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ आदि संगठन लगभग 60 वर्षों से देश में 28 अगस्त को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। इस दिन राजस्थान के खेजड़ली गांव में पर्यावरण की रक्षा चिपको आंदोलन शुरु हुआ था। आंदोलन में शहीद हुए सैकड़ों लोगों, महिलाओं को याद कर जगह-जगह आज पौधारोपण कर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। बैठक, संगोष्ठी आदि कार्यक्रम भी संगठन की ओर से किए जाते हैं। आज भी झरिया के भौंरा, लोदना आदि जगहों में पौधारोपण कार्यक्रम किया जाएगा। धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के धनबाद विश्वकर्मा भवन कार्यालय में संगोष्ठी भी होगी।
क्या हुआ था राजस्थान के खेजड़ली गांव में 28 अगस्त को
28 अगस्त 1730 को राजस्थान के जोधपुर खेजड़ली गांव में अभूतपूर्व पर्यावरण रक्षा आंदोलन शुरु हुआ था। यह देश का सबसे बड़ा पर्यावरण रक्षा आंदोलन है। वीरांगना अमृता देवी विश्नोई के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण पेड़ों की कटाई रोकने के लिए उसमें चिपक गए थे। बावजूद तत्कालीन राजा अजीत सिंह के आदेशानुसार उनके सिपाहियों ने 363 ग्रामीणों की पेड़ के साथ काटकर हत्या कर दी थी। इनमें 69 महिलाएं भी थीं। विश्व के किसी भी देश में वृक्षों की रक्षा के लिए इतना बड़ा बलिदान आज तक नहीं हुआ। इसीलिए देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ दशकों से इस दिन को पूरे देश में राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।
केंद्र सरकार 28 अगस्त को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित करें
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री रामधारी का कहना है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद स्वतंत्रता आंदोलन और देश की संस्कृति को लेकर भारत के राष्ट्रीय झंडा, गीत, गान, पशु, पुष्प आदि हैं। भारत में तय तिथि को राष्ट्रीय स्वतंत्रता, गणतंत्र, एकता, शिक्षक, खेल, युवा, बालिका, मतदाता, प्रेम, प्रसारण, संस्कृत, हिंदी आदि दिवस मनाए जाते हैं। लेकिन राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस नहीं मनाया जाता है। आज भी देश में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह अपमानजनक लगता है। 28 अगस्त को केंद्र सरकार राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित करें। इससे सवा अरब से अधिक भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा।
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